आंध्र प्रदेश की जगन सरकार ने तीन राजधानियों वाले कानून को वापस लेने का निर्णय लिया है। इस कानून का राज्य में भारी विरोध हो रहा है, जिसकी वजह से राज्य सरकार को अपना कदम पीछे खींचना पड़ा। बता दें कि अमरावती में 100 से अधिक किसानों ने इस कानून के खिलाफ कोर्ट में याचियका दायर किये हैं। वहीं विजयवाड़ा में किसानों और विपक्ष के 600 दिनों के विरोध प्रदर्शन के बाद सरकार ने यह फैसला किया।
जगन मोहन सरकार ने सोमवार को तीन राजधानियों वाला कानून वापस लेने का ऐलान किया। इस कानून के तहत राज्य में तीन राजधानियां बनाई जाने वाली थीं। इस कानून के खिलाफ राज्य में भारी विरोध हो रहा था। जिसके बाद राज्य सरकार ने कैबिनेट की आपातकालीन बैठक बुलाकर तीन राजधानियों वाला कानून वापस लेने का निर्णय लिया। बता दें कि तीन राजधानियों वाला यह कानून पिछले साल जून में बना था।
अमरावती को राज्य की राजधानी बनाने का यहां के किसान भी विरोध में हैं। बताया जा रहा है कि यहां के सौ से अधिक किसानों ने हाई कोर्ट में इस कानून के खिलाफ याचिका दायर किये हुए हैं, ये वे किसान हैं जो अमरावती में राजधानी बनाने के लिए अपनी जमीन दे रखें हैं। किसानों ने अमरावती में राजधानी बनाने के लिए 34 हजार एकड़ कृषि योग्य जमीन दे रखी है।
हाई कोर्ट इसी माह 15 नवम्बर से इस मामले पर सुनवाई कर रही है। गौरतलब है कि प्रदेश की पिछली सरकार टीडीपी ने 2015 में अमरावती की राजधानी बनाने के विरोध में आंध्र प्रदेश कैपिटल रीजन डेवलपमेंट एक्ट लाया था। इसके अंतर्गत विशाखापट्टनम को एक कार्यकारी, कुरनूल को न्यायिक और अमरावती विधायी राजधानी के तौर पर विकसित किया जाना था।
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