जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में मारवाह तहसील के मछना गांव के पास गुरुवार को सेना का एक हेलिकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हादसे के वक्त हेलिकॉप्टर में तीन लोग सवार थे। पायलटों को चोटें आई हैं लेकिन वे सुरक्षित हैं।घायल पायलट को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जो हेलिकॉप्टर दुर्घनाग्रस्त हुआ है वो सेना का ALH ध्रुव हेलीकॉप्टर है। रेस्क्यू के लिए टीमों को घटनास्थल पर रवाना कर दिया है। हेलीकॉप्टर का मलबा चिनाब नदी में डूब गया है।
हालांकि जम्मू कश्मीर में हुई हेलीकॉप्टर क्रैश की यह पहली घटना नहीं है, इससे पहले भी हवा में उड़ते हुए इन ताबूतों ने देश के वीर जवानों और अफसरों के प्राण छीन लिए हैं। मार्च की शुरूआत में ही, अरुणाचल प्रदेश में मंडला पहाड़ी क्षेत्र के पास भारतीय सेना के एक एविएशन चीता हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने से उसके दो पायलट की मौत हो गई थी। हादसे के बाद सशस्त्र सीमा दल और भारतीय सेना ने तलाशी अभियान शुरू किया। निगरानी के लिए हेलीकॉप्टर उड़ा रहे थे। लेकिन अचानक हेलीकॉप्टर का एयर ट्रैफिक कंट्रोल रूम से संपर्क टूट गया। हेलीकॉप्टर मंडला पश्चिम बोमडिला इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
ससे पहले दिसंबर 2021 में भी हेलीकॉप्टर में आई ऐसी तकनीकि खराबी के बाद देश को अपने पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और अन्य सहयोगी स्टॉफ के साथ खोना पड़ गया था। उनका हेलीकॉप्टर भी तकनीकि कारणों की वजह से क्रैश हो गया था। बावजूद इसके सेना के विमानों में सुधार नहीं दिखा है। सवाल यह उठते है कि आखिर क्या तकनीकी खामियाँ होगी जिस कारण बार-बार हेलिकॉप्टर क्रैश जैसी घटनाएं देखने को मिल रही है।
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