असद को सुपुर्द-ए-खाक किया गया, जनाजे में शामिल नहीं हो सका अतीक

अतीक अहमद को बेटे असद के अंतिम संस्कार में शामिल होने की अनुमति नहीं मिली।

असद को सुपुर्द-ए-खाक किया गया, जनाजे में शामिल नहीं हो सका अतीक

उमेश पाल हत्याकांड के आरोपी असद और उसके सहयोगी गुलाम को 13 अप्रैल को यूपी एसटीएफ ने एक मुठभेड़ में मार गिराया था। असद और गुलाम दोनों 24 फरवरी को हुए उमेश पाल हत्याकांड के बाद से फरार थे। दोनों के ऊपर पांच लाख रुपये का इनाम घोषित था। पुलिस ने बताया कि इनके पास से विदेशी हथियार बरामद हुए।

आज अतीक के बेटे असद अहमद और शूटर गुलाम के शव को दफनाया गया। असद को उसके दादा की कब्र के नजदीक दफनाया गया। असद का शव प्रयागराज के कसारी और मसारी कब्रिस्तान में दफनाया गया। वहीं, मेहंदौरी स्थित कब्रिस्तान में शूटर गुलाम हसन को दफनाया गया। बेटे अतीक के जनाजे में माफिया अतीक शामिल नहीं हो पाया। उसके परिवार से कोई भी सदस्य शामिल नहीं हुआ है। असद के नाना, मौसा और बुआ शामिल हुई हैं। कई करीबी रिश्तेदार जनाजे में शामिल हुए हैं।

हालांकि सुरक्षा कारणों की वजह से असद के शव को पैतृक आवास पर ले जाने की अनुमति नहीं दी गई। कब्रिस्तान के अंदर भी केवल पांच से छह बेहद करीबी लोगों को ही जनाजे में शामिल होने की अनुमति दी गई। कब्रिस्तान के बाहर भी कड़ी सुरक्षा की गई। ड्रोन से भी निगरानी की जा रही थी। कब्रिस्तान के बाहर बैरियर लगा दिए गए थे और असद को मिट्टी देने वाले लोगों को पुलिस चैकिंग से होकर गुजरना पड़ा था।

पुलिस को सूचना मिली थी कि असद के अंतिम दीदार के लिए उसकी मां शाइस्ता पहुंच सकती है, जिसके चलते कसारी-मसारी कब्रिस्तान के आसपास के क्षेत्र को छावनी में तब्दील करते हुए पुलिस और आरएएफ का पहरा लगा था। वहीं माफिया अतीक अहमद अपने बेटे असद के जनाजे में शामिल नहीं हो सका। हालांकि अतीक ने जनाजे में शामिल होने के लिए कोर्ट से अनुमति मांगी थी, लेकिन पहले ही उसके बेटे को दफना दिया गया।

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