CM सरमा का प्रियंका गांधी पर तंज, भारतीयों का रोजमर्रा का काम है झाड़ू लगाना

CM सरमा का प्रियंका गांधी पर तंज, भारतीयों का रोजमर्रा का काम है झाड़ू लगाना

नई दिल्ली।  लखीमपुर हिंसा को लेकर विरोध करने वाली कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी पर असम के सीएम हिमंत विस्वा सरमा तंज कसा है। असम सीएम सरमा  ने शनिवार को कहा कि यह कोई खबर कैसे है ?क्योंकि  कमरे की सफाई करना तो किसी के भी दैनिक कामकाज का हिस्सा है।  उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा कि भारत बदल चूका है और लोग नेताओं के इस तरह के मंच प्रबंधन पर कोई ध्यान ही देगा।

सरमा ने पूछा, ‘‘ मुझे नहीं पता कि एक महिला का झाड़ू लगाना खबर कैसे है? यह भारत के परिवारों में आम घरेलू कार्य है। मैंने अपनी मां को झाड़ू लगाते देखा है। क्या आपने अपनी मां को झाड़ू लगाते नहीं देखा है?’’ असम के मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में हिरासत के दौरान प्रियंका गांधी वाद्रा द्वारा ऐसा किया जाना ‘मंच प्रबंधन’ था वरना वीडियो शूट करने के लिए वहां फोटोग्राफर कैसे मौजूद हो सकता है। सरकारी जमीन से अतिक्रमणकारियों को बेदखल करने के असम सरकार के कदम के संबंध में पूछे गए एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि जमीन खाली कराने की प्रक्रिया चाहे वह मूल लोगों के खिलाफ हो या प्रवासी मुसलमानों के खिलाफ हो, यह राज्य सरकार की भूमि नीति के अनुसार जारी रहेगी।
उन्होंने कहा, ‘‘ हम 1,000 परिवारों को 77,000 एकड़ जमीन हड़पने की अनुमति नहीं दे सकते। खाली कराने की प्रक्रिया जारी है।’’ असम के दरांग जिले में जमीन खाली कराने के अभियान के दौरान दो लोगों की मौत और इनमें से एक शव के साथ किए गए बर्ताव की लोगों, राजनीतिक दलों और सामाजिक समूहों ने निंदा की थी। सरमा ने कहा कि असम में कई लोग स्वतंत्रता पूर्व से यह मानते रहे हैं कि प्रवासी मुसलमान जमीन अतिक्रमण, मूल लोगों की संस्कृति और पहचान खत्म होने के पीछे की मुख्य वजह हैं। उन्होंने कहा कि प्रवासी मुसलमानों को मूल लोगों के इस तरह के विश्वासों को खत्म करना चाहिए।
प्रवासी मुसलामनों के वोट नहीं चाहने के संबंध में की गई विवादास्पद टिप्पणी के बारे में पूछने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि वह जानते हैं कि यह समुदाय भाजपा को वोट नहीं देता है और और ऐसे में वह उन्हें लुभाने पर समय खर्च नहीं करना चाहते।
बता दें कि लखीमपुर हिंसा के विरोध के दौरान कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी मारे गए किसानों के परिवारों से मिलने जाने के दौरान उन्हें हिरासत में लिया गया था और उन्हें सीतापुर गेस्ट हाउस में रखा गया था जहां उन्होंने विरोध स्वरूप झाड़ू लगाया था।

 

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