ढाका। बांग्लादेश में हिन्दुओं के खिलाफ हिंसा थमने का नाम ही नहीं ले रही है। बताया जा रहा कि बांग्लादेश में सप्ताह भर में कई जगहों पर हिंसक घटनाएं हुई हैं जिसमें लगभग दर्जन भर लोगों के मौत होने की खबर है। इस बीच खबर है कि कट्टरपंथियों के खिलाफ बांग्लादेश हिन्दू बौद्ध ईसाई एकता परिषद ने विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया है।
23 अक्टूबर से देशभर में भूख हड़ताल:पीटीआई के मुताबिक, बांग्लादेश के लगभग हर कोने में हिंदू समुदाय के लोगों के खिलाफ हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। कुरान के कथित अपमान के मामले में कट्टरपंथी लोग पिछले एक सप्ताह में हिंदू समुदाय के लोगों को निशाना बना रहे हैं। इस हिंसा में अब तक आधा दर्जन से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि कई हिंदू मंदिरों में तोड़-फोड़ भी की गई। ये सभी नवरात्रि से शुरू हुआ है। अब बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद ने इस हिंसा के खिलाफ 23 अक्टूबर से देशभर में भूखहड़ताल का ऐलान किया है। बांग्ला अखबार द ट्रिब्यून के मुताबिक, राजधानी ढाका से लगभग 157 किलोमीटर दूर फेनी में बीते शनिवार को हिंदू मंदिरों और दुकानों में कट्टरपंथियों ने जमकर उत्पात मचाया। कई दुकानों और मंदिरों में तोड़-फोड़ की गई।
40 लोग घायल: इस हिंसा में फेनी मॉडल पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी निजामुद्दीन सहित कम से कम 40 लोग घायल हो गए। रिपोर्ट में कहा गया है कि शाम 4:30 बजे (स्थानीय समयानुसार) से आधी रात तक हुई झड़प में हिंदुओं के साथ बर्बरता की गई और लूटपाट की गई। रिपोर्ट में कहा गया है कि शनिवार को कुछ बदमाशों ने सिराजदीखान उपजिला के रासुनिया संघ में दानियापारा महा शोशन काली मंदिर में छह मूर्तियों को तोड़ दिया। रिपोर्ट में कहा गया है कि दुर्गा पूजा समारोह के दौरान हिंदू मंदिरों पर हमले और तोड़फोड़ के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शनिवार को भी देश भर में जारी रहा। इस बीच बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद के महासचिव एडवोकेट राणा दासगुप्ता ने चटगांव प्रेस क्लब में संवाददातों से कहा कि परिषद ने दुर्गा पूजा समारोह के दौरान हमलों के विरोध में 23 अक्टूबर से धरना और भूख हड़ताल की घोषणा की। विरोध कार्यक्रम ढाका के शाहबाग और चटगांव के अंदरकिला में होंगे। घोषणा करने से पहले, मंच ने शनिवार को चटगांव में छह घंटे की हड़ताल की।
एक्शन की मांग: बांग्लादेश पूजा उदयपन परिषद ने दुर्गा पूजा समारोह के दौरान हुई बर्बरता, हिंसा और तबाही में शामिल कट्टरपंथी लोगों के खिलाफ एक्शन की मांग की है। मिलन कांति दत्ता फोरम के अध्यक्ष ने कहा कि अगर सरकार ने उनकी मांग पर ध्यान नहीं दिया तो वे एक बड़ा आंदोलन शुरू करेंगे। वहीं, इस्कॉन बांग्लादेश के महासचिव चारू चंद्र दास ब्रह्मचारी ने चेतावनी दी कि समुदाय चुप नहीं बैठेगा और इस तरह की घटनाओं को बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने कहा, “हम मानते हैं कि कट्टरपंथियों का एक समूह धार्मिक सद्भाव को बिगाड़ने के लिए इस तरह की नफरत की शुरुआत कर रहा है। हम सत्ताधारी दल के कुछ कार्यकर्ताओं को भी जानते हैं जो इस तरह के जघन्य अपराध में शामिल हैं। मैं प्रधानमंत्री से आग्रह करना चाहता हूं कि वे कमजोर न हों और उनके खिलाफ भी कार्रवाई करें।” बता दें कि इस्कॉन मंदिर पर हुए हमले को लेकर इस्कॉन के नेशनल कम्युनिकेशन डायरेक्टर व्रजेंद्र नंदन दास ने शनिवार को बांग्लादेश सरकार से आरोपियों पर सख्त कार्रवाई करने की मांग की थी। उन्होंने यह भी कहा था कि ऐसी भविष्य में ऐसी घटना न हो।