‘अयोध्‍या फैसला उपहास था’, जस्टिस नरीमन ने उठाए थे सवाल, तो पूर्व CJI चंद्रचूड़ ने दिया करारा जवाब!

‘अयोध्‍या फैसला उपहास था’, जस्टिस नरीमन ने उठाए थे सवाल, तो पूर्व CJI चंद्रचूड़ ने दिया करारा जवाब!

'Ayodhya verdict was a mockery', when Justice Nariman raised the question, former CJI Chandrachud gave a befitting reply!

अयोध्या केस के फैसले पर जस्टिस रोहिंगटन नरीमन द्वारा उठाए सवालों के बाद देश में एक गुट फिर से चर्चा शुरू करने की कोशिश में है। पूर्व सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने इस मामले में अयोध्‍या फैसले पर करारा जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि इस फैसले की आलोचना करने वालों ने 1000 पन्नों के फैसले को पूरा नहीं पढ़ा है। उन्होंने कहा कि ये फैसला केवल तथ्यों पर आधारित था और इसमें धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत का भी पालन हुआ है। भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश ने जस्टिस रोहिंगटन नरीमन के ‘अयोध्या फैसला उपहास था’ इस बयान पर भी बात रखी है।

पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन ने रामजन्म भूमि-बाबरी मस्जिद मामले में सर्वोच्च न्यायलय द्वारा दिए गए 2019 के निर्णय की आलोचना करते हुए इसे ‘‘अयोध्या फैसले को न्याय का उपहास’’ बताया, साथ ही इसे पंथनिरपेक्षता के सिद्धांत के साथ अन्याय कारक बताया।

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पूर्व मुख्य न्यायाधीश ने कॉन्क्लेव में न्यायमूर्ति नरीमन के बयान का जवाब देते हुए डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि वो एक स्वतंत्र देश के नागरिग हैं और उनकी आलोचना इस बात का समर्थन करती है कि धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत भारत में जीवित हैं, क्योंकि धर्मनिरपेक्षता के महत्वपूर्ण सिद्धांतों में से एक अंतरात्मा की स्वतंत्रता है। पूर्व चीफ जस्टिस ने कहा कि मैं इस फैसले का एक पक्ष था और अब इसकी आचोलना करना या पक्ष लेना मेरा काम नहीं है। अब ये फैसला सार्वजनिक संपत्ति है और इस पर दूसरे ही बात करेंगे।

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