ओडिशा में हुए ट्रेन हादसे का कारण पता चल गया है। बताया जा रहा है कि यह हादसा इंटरलॉकिंग की वजह से हुई है। यह जानकारी रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रविवार को दी। उन्होंने कहा कि बुधवार तक ट्रेन की आवाजाही शुरू हो जायेगी। बालासोर में क्षतिग्रस्त लाइनों को ठीक कर लिया गया है। वहीं रेलवे बोर्ड ने कहा कि यह हदासा गति की वजह से नहीं हुआ है।
अश्विनी वैष्णव ने बताया कि हादसे की वजह इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग है। हादसे की जांच की रिपोर्ट जल्द सामने आएगी। रिपोर्ट सामने आने के बाद कड़ी करवाई की जाएगी। वहीं हादसे के लोगों की पहचान कर ली गई है। उन्होंने बताया कि घायलों के परिजनों के लिए स्पेशल ट्रेन की व्यवस्था कर ली गई है। ममता बनर्जी के आरोप पर उन्होंने कहा कि दुर्घटना का एंटी कोयलेशन सिस्टम से कोई लेना देना नहीं है।
वहीं रेलवे बोर्ड की सदस्य जया वर्मा सिन्हा ने कहा कि इस हादसे का संबंध स्पीडिंग से कोई लेना देना नहीं है। उन्होंने बताया कि हादसे के समय कोरोमंडल की गति 128 प्रति किलोमीटर थी जबकि यशवंत एक्सप्रेस की गति 126 प्रति किलोमीटर थी। रेलवे बोर्ड ने बताया कि केवल कोरोमंडल ट्रेन का हादसा हुआ है। कोरोमंडल ट्रेन पहले मालगाड़ी से टकराई जिसमें लोहा लदा हुआ था। जिसकी वजह से यह हादसा और भयानक हो गया। उन्होंने बताया कि रेलगाडी नहीं हिली इसकी वजह से कोरोमंडल के डिब्बे पटरी से दूर जाकर गिरे।
बोर्ड ने बताया कि जिस तरह का हादसा बालासोर में हुआ है ऐसे हादसों को रोकने के लिए दुनिया में कोई उपाय नहीं है। उन्होंने कहा कि जो कोच थे टकराने से पलटते नहीं है लेकिन असर ज्यादा होने की वजह से वे पलट गए। उन्होंने कहा की अगर कवच सिस्टम होता तो भी यह हादसा रोका नहीं जा सकता था। उन्होंने बताया कि घटना के बाद तुरंत बचाव दल रवाना हो गया था। उन्होंने बताया कि भारतीय रेलवे प्रत्येक मृतकों के परिजनों को दस दस लाख रुपये दे रहा है। मारे गए लोगो को 3. 22करोड़ रुपये दिए जा चुके हैं। बता कुल मरने वालों की संख्या 275 बताया जा रहा है।
ये भी पढ़ें
कांग्रेस ने अपने पैर पर मारी कुल्हाड़ी! राहुल और खड़गे का पटना की बैठक से किनारा
AI का नया कारनामा आया सामने, बना दी एलन मस्क की शेरवानी वाली तस्वीर