ISKCON बांग्लादेश के प्रवक्ता और पुंडारिक धाम के अध्यक्ष चिन्मय कृष्ण दास प्रभु को मंगलवार (28 नवंबर) को ढाका पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया। चिन्मय कृष्ण दास और उनके 19 साथियों को गिरफ्तार कर उनपर राजद्रोह का मुकदमा चलाया जा रहा है। इसी के साथ बांग्लादेश में इस्लामी कट्टरपंथी और मुहम्मद यूनुस की सरकार ISKCON को आतंकी संगठन घोषीत कर उस पर रोक लगाना चाहती है।
बता दें की, चिन्मन्य कृष्ण दास के गिरफ्तारी के बाद भारत से लेकर दुनियाभर से हिंदुओ ने बांग्लादेश सरकार द्वारा अन्यायी गतिविधियों को रोक कर चिन्मय कृष्ण दास और उनके साथियों को छोड़ने की अपील कर चुके है। स्थनिक हिंदुओ ने इस बात की पुष्टि की है की, चिन्मय प्रभु ने अपने साथियो के साथ हिंदुओ की रक्षा के लिए प्रदर्शन किए थे, जिसके तहत उन्होंने हिंदू समाज की रक्षा के लिए मांगे भी रखी थी। वहीं इस्लामी कट्टरपंथियों ने उन पर हमले करने के बावजूद यूनुस सरकार की ढाका पुलिस ने चिन्मय कृष्ण दास को गिरफ्तार कर राजद्रोह का आरोप लगाया है।
इसी बीच बांग्लादेश के ISKCON ने अपना आधिकारिक बयान जारी करते हुए, चिन्मय कृष्ण दास को ISKCON से निष्कासित किया है। उन्हें तत्काल प्रभाव से ISKCON से अलग करते हुए उनके द्वारा दिए गए किसी भी बयानों और गतिविधियों का ISKCON से सबंध न होने की बात की गई है। हालांकि बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट ने ISKCON को आतंकी सगंठन घोषित कर रोक लगाने की याचिका को ख़ारिज किया था।
Major development!
ISKCON #Bangladesh dissociates itself from arrested Hindu priest Chinmoy Krishna Das#ISKCON B'desh general secretary Charu Chandra Das today said the organization shall not take any responsibility of the words or actions of Chinmoy Prabhu
Addressing a press… pic.twitter.com/xEJcu5gPsc
— Indrajit Kundu | ইন্দ্রজিৎ (@iindrojit) November 28, 2024
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बता दें की भारत में २ वर्ष पूर्व भारतीय जनता पार्टी ने हिंदू कार्यकर्ता और भाजपा नेता नूपुर शर्मा पर इस्लामी कट्टरपंथी मौलाना को दो टूक जवाब देने के लिए पार्टी से निष्कासित किया था। भारतीय जनता पार्टी के द्वारा इस्लामी कट्टरपंथियों की तरह नूपुर शर्मा के बयानों को गुस्ताखी मान लेने के बाद कट्टरपंथियों के हौसले बुलंद हुए थे। वहीं भारत के सुप्रीम कोर्ट ने भी कन्हैयालाल के खून के बाद नूपुर शर्मा को ही उसके खून का जिम्मेदार ठहराया था। इस बार भी बांग्लादेश में हताश हिंदू संगठन ISKCON भी से चिन्मय कृष्ण दास को निष्कासित करने के बाद उनकी भी हिंदू रक्षा में बलि चढ़ती दिख रही है।