RSS की तुलना नक्सलियों से करने पर घिरे भूपेश बघेल, BJP हुई आक्रामक

RSS की तुलना नक्सलियों से करने पर घिरे भूपेश बघेल, BJP हुई आक्रामक
रायपुर। छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले के कवर्धा में दो गुटों के बीच हुए विवाद की आंच अब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबी नेता मोहम्मद अकबर के पास पहुंच गई है। वहीं, सीएम बघेल द्वारा आरएसएस की तुलना नक्सलियों से करने पर घिरते नजर आ रहे हैं। इस घटना के बाद कई हिंदूवादी संगठनों छत्तीसगढ़ सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया और मंत्री जल्द बर्खास्त करने की मांग की।
बता दें कि छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेल बघेल ने कहा कि जिस तरह से छत्तीसगढ़ में सक्रिय नक्सलियों को दूसरे राज्यों में बैठे उनके वरिष्ठ नेता निर्देशित करते हैं, उसी प्रकार छत्तीसगढ़ के आरएसएस कार्यकर्ताओं को नागपुर से संचालित किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ के पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र के नागपुर शहर में आरएसएस का मुख्यालय है। सीएम ने कहा कि कवर्धा हिंसा की निष्पक्ष जांच होगी। छत्तीसगढ़ में आरएसएस के लोगों का 15 साल तक कोई काम नहीं हुआ। वे बंधुआ मजदूर की तरह काम करते रहे, आज इनकी नहीं चलती है। सभी नागपुर से संचालित होते हैं। जैसे आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और अन्य राज्यों में माओवादी नेता हैं और उनके कार्यकर्ता (छत्तीसगढ़ में) गोलियां चलाने और मारने का काम करते हैं वही स्थिति आरएसएस में भी है।
स्थानीय आरएसएस कार्यकर्ताओं का कोई मूल्य नहीं है और सब कुछ नागपुर में केंद्रित है। उधर, कवर्धा जिले में भगवा ध्वज के अपमान और हिन्दुओं पर कथित अत्याचार के खिलाफ हिन्दूवादी संगठन सड़कों पर उतर आए हैं। विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के आह्वान पर प्रदेशव्यापी आंदोलन के तहत मंगलवार को हिन्दूवादी संगठनों ने दुर्ग में पांच घंटे प्रदर्शन किया। संगठन के नेतृत्व में लोग कलेक्टोरेट जाने की भी तैयारी कर रही थी, लेकिन सुरक्षा कारणों से प्रशासन की इजाजत नहीं दी गई।
लिहाजा मानस भवन व पंडित रविशंकर स्टेडियम के सामने सभा कर आक्रोश प्रकट किया गया। इस दौरान संगठन के लोगों ने घटना के दोषियों पर कार्रवाई व मंत्री मोहम्मद अकबर को बर्खास्त करने सहित सात मांगें रखी। इस दौरान अधिकारियों को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भी सौंपा। बता दें मोहम्मद अकबर सीएम बघेल के करीबी बताये जा रहे हैं। इस घटना के बाद बीजेपी और अन्य हिंदूवादी संगठन बघेल सरकार को घेर रही है। बीजेपी का कहना है कि इस मामले एक तरफा कार्रवाई की जा रही है। यह मामला तब तूल पकड़ा जब कवर्धा में धार्मिक झंडे को खम्भे पर लगाने को लेकर विवाद हो गया।
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