बिहार में शराबबंदी कानून के क्रियान्वयन में सुधार के लिए बिहार कैबिनेट ने बड़ा फैसला लिया है| शराब की बिक्री बंद होने पर गरीब परिवारों को सरकार की तरफ से एक लाख की आर्थिक मदद दी जाएगी| ताड़ी का कारोबार करने वालों के लिए भी यह योजना लागू होने जा रही है। सरकार ने यह फैसला शराब और ताड़ी के कारोबार से जुड़े गरीब परिवारों के पुनर्वास के लिए लिया है|
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद योजना को मंजूरी दी गई। अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के परिवारों को भी इस योजना का लाभ मिलेगा। बिहार में अप्रैल 2016 में शराबबंदी कानून लागू किया गया था|
अपर मुख्य सचिव एस. सिद्धार्थ ने बताया कि “यह योजना अब शहरी क्षेत्रों में भी लागू की जाएगी और यह योजना सभी वर्गों और समुदायों के लिए लागू होगी|” यह योजना पहले गांवों तक ही सीमित थी। इस योजना के लाभार्थियों को नया व्यवसाय शुरू करने के लिए बिहार सरकार द्वारा वित्तीय सहायता दी जाएगी।
शराबबंदी कानून के तहत जब्त चल और अचल संपत्ति की नीलामी की अवधि 210 दिन से घटाकर 90 दिन करने के आबकारी एवं मद्य निषेध विभाग के प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है| शराबबंदी के बावजूद बिहार में शराब बिक्री की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं| इस बिक्री को रोकने के लिए सरकार की ओर से कड़े कदम उठाए जा रहे हैं।
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