पटना। बिहार में रामविलास पासवान की पार्टी पर कब्जा जमाने के लिए सियासी खींचतान जारी है। चाचा-भतीजे एक बार फिर आमने-सामने हैं, और एक दूसरे-पर वार करने से नहीं चुक रहे हैं। इसी बीच रामविलास पासवान के भाई पशुपति पारस ने नया पैंतरा लिया है। पारस ने पीएम मोदी से मांग की है कि रामविलास पासवान को भारत रत्न दिया जाए। बता दें कि इससे पहले नई दिल्ली में चिराग पासवान भी पीएम को पत्र लिखकर अपने पिता को भारत रत्न से सम्मानित करने की मांग कर चुके हैं।
लोक जनशक्ति पार्टी के पशुपति कुमार पारस के नेतृत्व वाले धड़े ने चिराग पासवान के बाद गुरुवार को पीएम नरेंद्र मोदी से पार्टी के संस्थापक और पूर्व केंद्रीय मंत्री दिवंगत रामविलास पासवान को भारत रत्न देने की अपील की है। एलजेपी के पारस धड़े ने यह भी मांग की है कि पटना या हाजीपुर में रामविलास की आदमकद प्रतिमा लगाई जाए। 5 जुलाई को होने वाले रामविलास पासवान की जयंती से पहले पीएम से ये मांग की गई थी। वहीं , रामविलास पासवान के बेटे चिराग ने हाजीपुर के पास एक दलित बस्ती सुल्तानपुर में एक समारोह आयोजित करने की घोषणा की है। जबकि 5 जुलाई को पारस गुट राजधानी पटना के एलजेपी ऑफिस में इस अवसर का जश्न मनाएगा।
पारस गुट ये भी चाहता है कि सीएम नीतीश कुमार रामविलास को भारत रत्न देने की सिफारिश करते हुए केंद्र को एक प्रस्ताव भेजें। इसी तरह का प्रस्ताव पहले नई दिल्ली में चिराग की अध्यक्षता में एलजेपी की कार्यकारी समिति की बैठक में अपनाया गया था। चिराग ने तब पीएम को पत्र लिखकर अपने पिता को राष्ट्र निर्माण और दलितों के उत्थान में उनके योगदान के लिए भारत रत्न से सम्मानित करने का आग्रह किया था। पारस ने कहा कि ‘मेरे प्यारे भाई रामविलास पासवान दलितों और दलितों के मसीहा थे। वह उन घरों में मोमबत्तियां जलाना चाहता था जो सदियों से अँधेरे में पड़े थे। हमारी पार्टी उनके सपनों को पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।’ चिराग और पारस दोनों के ही गुट इस समय रामविलास के जन्मदिन समारोह की तैयारियों में जुटे हुए हैं।