बिहार को ज्ञान और इतिहास की भूमि कहा जाता है, जिसने समय के साथ कई सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक बदलाव देखे हैं। इन्हीं परिवर्तनों के बीच स्वास्थ्य सुविधाओं को सुलभ और किफायती बनाने की दिशा में केंद्र सरकार ने एक महत्वपूर्ण पहल की है—प्रधानमंत्री जनऔषधि केंद्र।
बिहार के आरा जिले में स्थित यह जनऔषधि केंद्र गरीब और जरूरतमंद मरीजों के लिए बड़ी राहत बनकर सामने आया है। आरा सदर अस्पताल परिसर में संचालित इस केंद्र से शुगर, ब्लड प्रेशर, हृदय, किडनी और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों की जेनरिक दवाएं ब्रांडेड दवाओं की तुलना में काफी कम कीमत पर उपलब्ध कराई जा रही हैं।
यह जिले का पहला और सबसे पुराना जनऔषधि केंद्र है, जहां प्रतिदिन बड़ी संख्या में मरीज आते हैं। किफायती कीमतों के कारण अब मरीज महंगे मेडिकल स्टोर्स की बजाय इस केंद्र से अपनी दवाएं लेना पसंद कर रहे हैं।
इसके अलावा, महिलाओं के लिए यहां कम कीमत पर सेनेटरी पैड भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं, जो खासतौर पर उन महिलाओं के लिए लाभकारी हैं जो आर्थिक तंगी के कारण इन्हें खरीदने में असमर्थ थीं।
जनऔषधि केंद्र के संचालक नागेंद्र चौधरी बताते हैं, “यह जिले का पहला जनऔषधि केंद्र है, जहां सस्ती दरों पर दवाएं मिलने से गरीब मरीजों को बहुत राहत मिली है। सदर अस्पताल में आने वाले मरीजों की पहली पसंद अब हमारा केंद्र बन चुका है।”
यह केंद्र प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना के तहत संचालित किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य मरीजों को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण दवाएं उपलब्ध कराना है। इस पहल से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि महंगी दवाओं के कारण कोई भी व्यक्ति इलाज से वंचित न रहे। बिहार के इस जनऔषधि केंद्र ने स्वास्थ्य सुविधाओं को और अधिक सुलभ बनाकर लोगों की जिंदगी आसान कर दी है।
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