नई दिल्ली। मोदी मंत्रिपरिषद में पांच राज्यों के चुनावों के मद्देनजर कई नए चेहरों को जगह मिल सकती है, केंद्र में 81 मंत्री बनाए जा सकते हैं और अभी मंत्रिपरिषद में 53 मंत्री हैं यानी 28 मंत्री और बनाए जा सकते हैं, आधा दर्जन कैबिनेट मंत्रियों के पास एक से अधिक मंत्रालय की जिम्मेदारी है, जिसे हल्का करने की बात हो रही है, वर्तमान मंत्रिमंडल में 9 मंत्री ऐसे हैं, जिनके पास एक से अधिक विभाग हैं, इनमें प्रकाश जावड़ेकर, पीयूष गोयल, धर्मेंद्र प्रधान, नितिन गडकरी, हर्षवर्द्धन, नरेंद्र सिंह तोमर, रविशंकर प्रसाद, स्मृति ईरानी और हरदीप सिंह पुरी के नाम शामिल हैं। संभावित मंत्रियों में सर्वानंद सोनोवाल और ज्योतिरादित्य सिंधिया के नाम प्रमुख हैं, वहीं उत्तर प्रदेश से 5 मंत्री बनाए जा सकते हैं, इनमें वरुण गांधी, रामशंकर कथेरिया, रीता बहुगुणा जोशी, अनिल जैन और जफर इस्लाम के नाम शामिल हैं।
यूपी में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। मोदी सरकार में फेरबदल की तैयारी के तहत जिन बीजेपी नेताओं को जिम्मेदारी दी जा सकती है अथवा जिन्हें संभावित मंत्री माना जा रहा है वह हैं- उत्तराखंड से अजय भट्ट या अनिल बलूनी. कर्नाटक से प्रताप सिन्हा, बंगाल से जगन्नाथ सरकार, शांतनु ठाकुर या निसिथ प्रामाणिक. हरियाणा से बृजेंद्र सिंह, राजस्थान से राहुल कासवान, ओडिशा से अश्विनी वैष्णव, महाराष्ट्र से पूनम महाजन या प्रीतम मुंडे या हिना गावित. संभावित मंत्रियों की फेहरिस्त में दिल्ली से परवेश वर्मा या मीनाक्षी लेखी का भी नाम हो सकता है। बताते चलें कि सहयोगी दलों में जेडीयू का आना फिलहाल पक्का नहीं है। माना जा रहा है कि LJP से पशुपति पारस को केंद्रीय मंत्री बनाया जा सकता है, अपना दल से अनुप्रिया पटेल, सुशील मोदी, नारायण राणे और भूपेंद्र यादव को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है।
चिराग पासवान पर असमंजस
इस विस्तार में चिराग पासवान को शामिल किए जाने पर उनके चाचा पशुपति पारस रोड़ा बन सकते हैं। दोनों के बीच टकराव चल रहा है। इसकी वजह से लोक जनशक्ति पार्टी दो फाड़ हो गई है। हाल ही में पार्टी के पांच सांसदों के साथ पशुपति अलग हो गए हैं। पिछले साल चिराग के पिता राम विलास पासवान का निधन हो गया था, इसके बाद अब यह फूट सामने आई। अटकलों के बीच अभी यह साफ नहीं है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की JDU से किसी को केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह मिलेगी या नहीं। 2019 में नीतीश ने केंद्र में मंत्री बनने का प्रस्ताव ठुकरा दिया था। सूत्रों का कहना है कि नीतीश कम से कम दो मंत्रालयों की उम्मीद कर रहे हैं।