कनाडा में इस साल अंतरराष्ट्रीय छात्रों और अस्थायी श्रमिकों के आगमन में भारी गिरावट देखी गई है। जनवरी से सितंबर 2025 के बीच आए नए छात्रों और वर्कर्स की संख्या में कुल 53% की कमी दर्ज की गई है, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 3,08,880 कम व्यक्तियों के आगमन को दर्शाता है।
ताज़ा आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, इस साल सितंबर तक कनाडा में नए अंतरराष्ट्रीय छात्रों की संख्या में 60% की गिरावट आई है। 2024 में जनवरी–सितंबर के दौरान 2,50,805 छात्र आए थे। 2025 में इसी अवधि में केवल 1,00,585 छात्र पहुंचे यानी 1,50,220 छात्रों की कमी। सितंबर 2025 में भी स्थिति गंभीर रही। इस महीने नए छात्र आगमन 11,390 रहा, जबकि सितंबर 2024 में यह संख्या 28,910 थी यानी ठीक 60% की गिरावट।
नए अस्थायी श्रमिकों की संख्या में भी भारी कमी आई। 2024 की तुलना में 2025 में 1,58,660 कम वर्कर्स आए। यह 48% की गिरावट है।
इस अचानक आए बड़े बदलाव की मुख्य वजहें कनाडा सरकार द्वारा लागू किए गए सख्त नियम माने जा रहे हैं। 2025 में स्टडी परमिट कैप को घटाकर 4,37,000 कर दिया गया है, जो 2024 की तुलना में 10% कम है। अब हर स्टडी परमिट आवेदन के साथ प्रांतीय या क्षेत्रीय अटेस्टेशन लेटर (PAL) अनिवार्य कर दिया गया है। 1 सितंबर 2024 से, करिकुलम लाइसेंसिंग अरेंजमेंट वाले कार्यक्रमों में दाखिला लेने वाले छात्र पोस्ट-ग्रेजुएशन वर्क परमिट (PGWP) के पात्र नहीं होंगे।
ओपन वर्क परमिट केवल मास्टर और डॉक्टरेट छात्रों के जीवनसाथियों तक सीमित कर दिए गए हैं। स्नातक (अंडरग्रेजुएट) और कॉलेज प्रोग्राम करने वाले छात्रों के जीवनसाथी अब इसके योग्य नहीं हैं।
इन सख्त नीतियों का असर स्पष्ट रूप से कनाडा के इमिग्रेशन ट्रेंड्स में दिखाई दे रहा है। विदेशी छात्रों और अस्थायी श्रमिकों की संख्या में आई अचानक गिरावट से न केवल कनाडा के शिक्षा क्षेत्र, बल्कि श्रम बाजार और अर्थव्यवस्था पर भी महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ने की आशंका जताई जा रही है।
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