मौसम विभाग की ओर से 23 राज्यों में आने वाले 5 दिन के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है| दूसरी ओर उत्तर प्रदेश में बाढ़ अपना विकराल रूप लिया हुआ है| राज्य के कई शहरों में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है| राज्य सरकार द्वारा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बचाव व राहत कार्य युद्धस्तर पर किया जा रहा है| वही, उत्तर प्रदेश के 800 गांव बाढ़ से घिरे हुए हैं| बहराइच, श्रावस्ती, गोंडा, बलरामपुर, अयोध्या, अंबेडकरनगर, बाराबंकी, सीतापुर के करीब 250 गांव बाढ़ की चपेट में हैं।
बता दें कि नेपाल से छोड़े गए पानी के बाद राज्य के कई शहरों में अब बाढ़ का असर भयावह रूप लेता जा रहा है। वही भारी बारिश के कारण बहराइच, श्रावस्ती, गोंडा, बलरामपुर, अयोध्या, अंबेडकरनगर, बाराबंकी, सीतापुर के करीब 250 गांव बाढ़ की चपेट में हैं। साथ ही लखीमपुर खीरी के 150, शाहजहांपुर के 30, बदायूं के 70, बरेली के 70 और पीलीभीत के करीब 222 गांव की बड़ी आबादी बाढ़ के पानी से घिरी हुई है।
नेपाल के कुसुम बैराज से 47,682 क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद जमुनहा बैराज पर नदी का जलस्तर 127.35 से बढ़ कर 127.90 मीटर पहुंच गया जो खतरे के निशान से 20 सेंटीमीटर अधिक है। अयोध्या में सरयू का जल स्तर 22 सेमी घटा है। इसके बाद भी नदी लाल निशान से 10 सेमी ऊपर बह रही है। सीतापुर मेंनदी की कटान में 34 घर बह चुके हैं। खीरी, शाहजहांपुर और बरेली में बाढ़ ने छह और लोगों की जान ले ली। शाहजहांपुर शहर से सटे मौजमपुर गांव में खेत जा रहे राजकुमार (35) की पैर फिसलने से पानी में डूबकर मौत हो गई।
शाहजहांपुर में गर्रा नदी की बाढ़ का पानी दूसरे दिन शुक्रवार को भी दिल्ली-लखनऊ हाईवे पर रहने के कारण कार-बाइक व अन्य छोटे वाहनों का संचालन बंद रखा गया। राजकीय मेडिकल कॉलेज में बाढ़ का पानी भरने के बाद मरीजों को आसपास के जिन अस्पतालों में शिफ्ट किया गया था, उनमें भी पानी भरने के बाद समस्या विकराल हो गई। वहीं शहर के बाहरी हिस्से में बसी आवास विकास कॉलोनी समेत अन्य निचले इलाकों से करीब 10 हजार लोगों ने पलायन किया है। एनडीआरएफ की टीम ने 225 लोगों को बचाया।
बाढ़ ने एसएस कॉलेज के पुस्तकालय में रखीं सैकड़ों साल पुरानी पांडुलिपियां नष्ट हो गई हैं। खीरी में भी बाढ़ के हालात अभी भी नाजुक बनी हुई है। तीन सौ से अधिक जिन गांवों में पानी भर गया था, उनमें से कुछ में जलस्तर कम हुआ है तो कहीं यथास्थिति है। जबकि 18 और गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। अवध के आठ जिलों में बाढ़ से मची तबाही के बाद स्थिति अब धीरे-धीरे सुधरनी शुरू हुई है। उफान होती नदियां धीरे-धीरे शांत हो रही हैं। जलस्तर कम हो रहा है।अब असल समस्या कटान की है।अंबेडकरनगर और बहराइच में सरयू का जलस्तर घटा है। जल स्तर कम होने से गांवों से पानी तो निकल गया, लेकिन धान की फसल नष्ट हो गई है।
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