उत्तर प्रदेश के बलरामपुर के रहने वाला और खुद को ‘छांगुर बाबा’ बताने वाले जलीलुद्दीन उर्फ चंगुर बाबा पर धर्मांतरण के लिए नेपाल के रास्ते मुस्लिम देशों से ₹500 करोड़ की फंडिंग लेने का सनसनीखेज खुलासा हुआ है। यूपी एटीएस (Anti-Terror Squad) ने शुक्रवार (11 जुलाई) को यह जानकारी देते हुए बताया कि इसमें से ₹200 करोड़ की विदेशी फंडिंग आधिकारिक रूप से पुष्टि की गई है, जबकि ₹300 करोड़ अवैध हवाला नेटवर्क के ज़रिए नेपाल के रास्ते भारत लाया गया।
ATS के अनुसार, नेपाल के काठमांडू, नवलपरासी, रूपनदेही और बांके जैसे सीमावर्ती जिलों में 100 से अधिक बैंक खाते खोले गए। इन खातों में पाकिस्तान, दुबई, सऊदी अरब और तुर्की जैसे मुस्लिम देशों से फंड आया। यह पैसा भारत में धर्मांतरण फैलाने के लिए इस्तेमाल किया गया।
नेपाल में सक्रिय एजेंटों के माध्यम से यह पैसा यूपी के बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच और लखीमपुर जैसे जिलों में पहुंचाया गया। एजेंट 4-5% कमीशन लेकर यह धन चंगुर बाबा तक पहुंचाते थे। कई बार धनराशि नेपाल में कैश डिपॉजिट मशीन (CDM) के जरिए जमा करवाई जाती थी और फिर स्थानीय मनी एक्सचेंजर्स के जरिये इसे भारतीय मुद्रा में बदला जाता था।
बिहार के मधुबनी, सीतामढ़ी, पूर्णिया, किशनगंज, चंपारण और सुपौल जिलों से जुड़े एजेंट भी इस फंडिंग चेन में सक्रिय थे। ATS की जांच में खुलासा हुआ कि अयोध्या जिला सबसे बड़ा केंद्र था, जहां सबसे अधिक फंडिंग की गई और आरोप है कि यहां कई हिंदू लड़कियों का धर्म परिवर्तन भी कराया गया।
छांगुर बाबा और उसके सहयोगियों से जुड़े 40 बैंक खातों की जांच शुरू कर दी गई है। इसके अलावा, आयकर विभाग से चंगुर के पिछले 10 वर्षों के टैक्स रिकॉर्ड भी मांगे गए हैं। अब तक की जांच में नवीन रोहरा के 6 बैंक खातों में ₹34.22 करोड़, और नसीरीन नाम की महिला के खातों में ₹13.90 करोड़ जमा पाए गए हैं। जांच एजेंसियों को शक है कि चंगुर बाबा के शारजाह, दुबई और UAE में भी विदेशी बैंक खाते हो सकते हैं, जिनकी जांच जारी है।
छांगुर बाबा ने बलरामपुर में अवैध रूप से सरकारी जमीन पर ₹5 करोड़ की लागत से एक 40 कमरों वाला विशाल महल (बंगला) बनवाया था, जिसमें संगमरमर का गेट भी था। यह महल तीन दिनों में 10 बुलडोजरों की मदद से पूरी तरह ध्वस्त कर दिया गया। प्रशासन ने इसे अवैध कब्जा मानते हुए तोड़ने का आदेश दिया था।
यह खुलासा न केवल एक व्यापक इस्लामिक कन्वर्ज़न नेटवर्क की ओर इशारा करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि भारत में सीमा पार से सक्रिय आतंकी और कट्टरपंथी ताकतें किस तरह नेपाल के ज़रिए सामाजिक तानेबाने को कमजोर करने का प्रयास कर रही हैं। यूपी एटीएस ने इस पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के साथ मिलकर जांच तेज कर दी है। इस मामले में कई और गिरफ्तारियां और खुलासे संभव हैं।
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