सेना के सूत्रों के मुताबिक हेलीकॉप्टर मिसामारी की ओर जा रहा था। हादसे के वक्त हेलिकॉप्टर में एक पायलट और को-पायलट सवार थे। गुवाहाटी के जनसंपर्क अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल महेंद्र रावत ने कहा कि ऑपरेशन सॉर्टी के लिए चीता हेलीकॉप्टरों ने उड़ान भरी। सुबह करीब सवा नौ बजे एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) से संपर्क टूट गया।
भारत के बाहर और विदेशों में चीता हेलीकॉप्टरों का उपयोग: ‘चीता’ हेलीकॉप्टर को 1976 में भारतीय सेना के बेड़े में शामिल किया गया था। इन ‘चीता’ हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल यात्रा, निरीक्षण, निगरानी, रसद, राहत और बचाव कार्यों के लिए किया जाता है। यह ‘चिट्टा’ हेलीकॉप्टर अधिक ऊंचाई वाले अभियानों के लिए उपयोगी है। चीता हेलिकॉप्टर में एक इंजन लगा होता है। यह हिंदुस्तान एरोनॉक्स लिमिटेड द्वारा निर्मित है। एचएएल ने 250 से अधिक चीता हेलीकॉप्टरों का निर्माण और बिक्री की है। इन हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल भारत से बाहर विदेशों में भी किया जाता है। इस विमान में दो पायलट और तीन यात्री बैठ सकते हैं।
पांच साल में 15 हेलिकॉप्टर क्रैश : पिछले पांच साल में 15 हेलिकॉप्टर क्रैश हो चुके हैं। यह जानकारी रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने 17 दिसंबर को लोकसभा में एक सवाल के जवाब में दी। 2017 से 2021 के बीच 15 हादसे हो चुके हैं।
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