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छत्तीसगढ़: कर्ज के बोझ से दबे ठेकेदार ने पत्नी और दो बच्चों के साथ की आत्महत्या!

दो बैंकों से 40 लाख का लोन लिया था| उन्हें दिल की बीमारी भी थी| साथ ही पंचराम यादव की पत्नी भी कैंसर से जूझ रही थीं|

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छत्तीसगढ़ में कर्ज के बोझ और पत्नी की बीमारी से तंग आकर एक ठेकेदार ने अपने पूरे परिवार सहित आत्महत्या करने की घटना प्रकाश में आयी है| वह अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ जहर पी लिया| स्थानीय लोगों को जैसे ही इस घटना की जानकारी मिली| सभी को अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन इन चारों की मौत हो गई| इस घटना से लोगों में आक्रोश व्यक्त है|

पंचराम यादव ने लिया था 40 लाख का कर्ज: जानकारी के अनुसार, पंचराम यादव ठेकेदारी का काम करता था| उन्होंने दो बैंकों से 40 लाख का लोन लिया था| उन्हें दिल की बीमारी भी थी| साथ ही पंचराम यादव की पत्नी भी कैंसर से जूझ रही थीं| उनका बेटा नीरज यादव एक निजी कंपनी में नौकरी करता था। जबकि दूसरा बेटा अपने पिता की तरह ठेके ले रहा था|

कहां हुई ये घटना?: यह घटना छत्तीसगढ़ की है| वरिष्ठ कांग्रेस नेता पंचराम यादव (उम्र 65 वर्ष, थाना कोतवाली, जांजगीर क्षेत्र वार्ड क्रमांक 10) ने अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ जहर पीकर सामूहिक रूप से आत्महत्या कर ली। पुलिस अधीक्षक राजेंद्र जयसवाल ने बताया कि पंचराम यादव ने अपनी पत्नी नंदनी यादव (55), बेटे सूरज यादव (27) और नीरज यादव (32) के साथ जहर पी लिया|

इसके बाद चारों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। इन चारों की हालत गंभीर होने के बाद उन्हें बिलासपुर शिफ्ट किया गया। सिम्स अस्पताल में नीरज यादव की मौत हो गई। इसके बाद बाकी तीन लोगों को दूसरे अस्पताल में ट्रांसफर कर दिया गया| इस बीच 31 अगस्त को तीन अन्य की भी मौत हो गई| इस घटना से आक्रोश व्यक्त किया गया है|

पंचराम यादव के पड़ोसियों ने क्या दिया?: पंचराम यादव के पड़ोसियों द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, आत्महत्या करने से पहले परिवार इस बात का ध्यान रखता था कि किसी को उसके बारे में पता न चले| परिवार ने घर के दोनों तरफ के गेट बंद कर दिए थे। इन दरवाजों को दोनों तरफ से बंद करके तीसरी जगह अंदर से ताला लगाकर उन्होंने आत्महत्या जैसा कदम उठाया। इसका खुलासा तब हुआ जब एक लड़की उसके घर गई|

बार-बार आवाज देने पर भी किसी ने दरवाजा नहीं खोला। तो उसे शक हुआ और उसने आसपास के अन्य लोगों को इसकी जानकारी दी। जिसके बाद इस घटना का खुलासा हुआ| चारों को अस्पताल ले जाया गया,लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। पहले यादव के बड़े बेटे और फिर तीनों की मौत हो गई|

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