महाकुंभ के दौरान कई स्थानों पर पानी में स्नान के लिए स्वीकार्य स्तर से अधिक मात्रा में मल बैक्टीरिया मौजूद होने की रिपोर्ट को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खारिज कर दिया। मुख्यमंत्री ने कहा, “यहां तक कि जब हम चर्चा में लगे हैं, तब तक 56.25 करोड़ से अधिक श्रद्धालु प्रयागराज में पवित्र डुबकी लगा चुके हैं… सनातन धर्म, मां गंगा, भारत या महाकुंभ के खिलाफ निराधार आरोप फैलाना या फर्जी वीडियो प्रसारित करना इन 56 करोड़ लोगों की आस्था को कमतर आंकना है।”
उत्तर प्रदेश विधानसभा को संबोधित करते हुए योगी आदित्यनाथ ने “सनातन धर्म, माँ गंगा और भारत” के बारे में गलत सूचना फैलाने वालों की निंदा की। उन्होंने जोर देकर कहा कि संगम – गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती का संगम – का पानी “पीने योग्य” है। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ में लाखों श्रद्धालुओं ने पवित्र डुबकी लगाई है।
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने गंगा और यमुना में अशोधित सीवेज छोड़े जाने के आरोपों पर सुनवाई के दौरान सोमवार को कहा कि महाकुंभ के दौरान कई क्षेत्रों में मल और टोटल कोलीफॉर्म का उच्च स्तर पाया गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा एनजीटी को सौंपी गई रिपोर्ट के अनुसार, 12 और 13 जनवरी को किए गए जल गुणवत्ता परीक्षणों से पता चला कि पानी पीने की बात तो दूर, नहाने के लिए भी अनुपयुक्त था। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि बड़ी संख्या में श्रद्धालु नदी में स्नान करते हैं, खासकर शुभ दिनों में, जिससे मल प्रदूषण में वृद्धि होती है।
दौरान योगी आदित्यनाथ ने कहा, ” त्रिवेणी में पानी की गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे हैं… संगम और उसके आसपास के सभी पाइपों और नालियों को टेप कर दिया गया है और पानी को शुद्ध करने के बाद ही छोड़ा जा रहा है… यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड पानी की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए लगातार निगरानी कर रहा है… आज की रिपोर्ट के अनुसार, संगम के पास बीओडी की मात्रा तीन से कम है और घुलित ऑक्सीजन 8-9 के आसपास है।”
#WATCH | Lucknow: On the faecal bacteria report, CM Yogi Adityanath says in the UP assembly, "Questions are being raised about the quality of the water (at Triveni)… All the pipes and the drains in and around Sangam have been taped and the water is being released only after… pic.twitter.com/8b4PGaDgSE
— ANI (@ANI) February 19, 2025
सीएम आदित्यनाथ ने कहा, “इसका मतलब है कि संगम का पानी न केवल स्नान के लिए बल्कि ‘आचमन’ के लिए भी उपयुक्त है… फेकल कोलीफॉर्म बढ़ने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे सीवेज रिसाव और पशु अपशिष्ट, लेकिन प्रयागराज में फेकल कोलीफॉर्म की मात्रा मानकों के अनुसार 100 मिलीलीटर प्रति 2,500 एमपीएन से कम है… इसका मतलब है कि झूठा अभियान केवल महाकुंभ को बदनाम करने के लिए है… एनजीटी ने भी कहा है कि मल अपशिष्ट 100 मिलीलीटर प्रति 2000 एमपीएन से कम था…”
बुधवार (19 फरवरी) को यूपी विधानसभा में बोलते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, “यह आयोजन किसी विशेष पार्टी या संगठन द्वारा आयोजित नहीं किया गया है… यह आयोजन समाज का है, सरकार अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए सेवक के रूप में है… यह हमारा सौभाग्य है कि हमारी सरकार को इस सदी के महाकुंभ से जुड़ने का अवसर मिला… देश और दुनिया ने इस आयोजन में भाग लिया है और तमाम झूठे अभियानों को नजरअंदाज करते हुए इसे सफलता की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है।”
बता दें की महाकुंभ के केवल सात दिन शेष हैं और आंकड़ों के अनुसार आज (19 फरवरी) दोपहर तक 56 करोड़ से अधिक श्रद्धालु पवित्र डुबकी लगा चुके हैं। जबकि त्रिवेणी संगम के क़रीब लगातार भक्त पहुंच रहे है।