उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा महिलाओं के कार्यों को सुरक्षित व सुनिश्चित वातावरण प्रदान करने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है| इस मामले में योगी सरकार की ओर से एक बड़ा निर्णय लिया गया है| उत्तर प्रदेश में, किसी भी महिला कर्मचारी को उसकी लिखित सहमति के बिना सुबह 6 बजे से पहले और शाम 7 बजे के बाद काम करने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा। योगी सरकार ने शुक्रवार 27 मई को एक आदेश जारी किया है|
बता दें की सायं 7.00 बजे से सुबह 6.00 बजे के बीच काम के घंटों के दौरान, एक महिला को कार्यालय से काम करने के लिए तभी कहा जा सकता है, जब उस शिफ्ट में चार अन्य महिलाएं हों। महिलाओं के लिए कार्यस्थल के पास शौचालय, चेंजिंग रूम और पीने के पानी की सुविधा होना अनिवार्य है।
वही, सीएम योगी ने कहा कि यदि कोई महिला 7 साल के बाद काम करने से मना करती है तो उसे नौकरी से नहीं निकाला जा सकता। साथ ही अगर कोई महिला सायं 7.00 बजे के बाद काम कर रही है तो उसे मुफ्त परिवहन सेवा मुहैया कराई जाएगी।
अगर कोई महिला रात की पाली में काम कर रही है और कोई उसके साथ बदतमीजी करता है तो वह तुरंत थाने में शिकायत कर सकती है। कंपनी के मालिक को यौन उत्पीड़न को रोकने के लिए उचित कदम उठाने चाहिए।
इस नियम के उल्लंघन के परिणामस्वरूप कंपनी को भारी जुर्माना या कारावास हो सकता है। योगी सरकार ने आदेश में कहा है कि ऑफिस से काम करने वाली महिलाओं को कंपनी को अन्य सुविधाओं के साथ फ्री कैब की सुविधा भी देनी होगी|
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