लखनऊ। मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने एक बार फिर सपा पर “अब्बाजान” शब्द तंज कसा। सीएम योगी ने मानसून सत्र के दौरान विधान परिषद में कहा कि “अब्बाजान” शब्द कब से असंसदीय हो गया। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि इस शब्द से सपा के लोगों को परहेज क्यों है। जिस पर विरोधी दल नेता अहमद हसन ने आपत्ति दर्ज कराई। अहमद हसन ने कहा कि सीएम की भाषा से तकलीफ पहुंची। सपा अपनी मांग पर अड़ी, फिर से सपा सदस्य वेल में पहुंच गए। सपा विधायकों ने इसे कार्रवाई से निकालने की मांग की।
सीएम योगी ने कहा कि, सरकार गांव-गरीब, किसान की योजनाओं के मुद्दों पर चर्चा को तैयार है। इस बीच उन्होंने कोरोना महामारी से बचाव के लिए सरकार द्वारा उठाये कदमों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि, सरकार वैक्सीन मुफ्त उपलब्ध करवा रही है. इसके अलावा सीएम ने जानकारी देते हुए कहा कि, 6 करोड़ लोगों को वैक्सीन देने वाला यूपी पहला राज्य होगा। वहीं लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस हर जिलों को हमने दिया है। योगी ने कहा कि 2016 तक उत्तर प्रदेश सिर्फ 12 मेडिकल कॉलेज थे,जिसकी संख्या हमने बढ़ाई है।
उन्होंने कहा कि कोरोना काल में लोगों की सरकार ने हर तरह से मदद की है। उत्तर प्रदेश में विधानमंडल का मानसून सत्र शोक प्रस्ताव पारित होने के बाद बुधवार 11 बजे तक स्थगित हो गया। इसे लेकर अखिलेश यादव ने भी कड़ा विरोध जताते हुए कहा था कि मैं बस इतना कहना चाहता हूं कि बीजेपी के मुख्यमंत्री को अपनी भाषा पर संतुलन रखना चाहिए मैंने उनका इंटरव्यू सुना हमारा आपका मुद्दों पर झगड़ा हो सकता है लेकिन मुख्यमंत्री अपनी भाषा पर संयम रखें अगर वो मेरे पिता जी को कुछ कहेंगे तो मैं भी उनके बारे में कुछ कह सकता हूं, मेरे पिता जी के बारे में कहेंगे तो अपने पिता के बारे में भी सुनने के लिये तैयार रहें।
बता दें कि, कुछ दिन पहले सीएम योगी ने नाम लिए बिना मुलायम सिंह के लिए “अब्बा जान” शब्द का इस्तेमाल किया था। समाजवादी पार्टी के एमएलसी के हंगामे के बाद दोबारा विधान परिषद की कार्रवाई शुरू हुई। सीएम योगी ने जवाब देते हुए कहा कि अभी हमने किसी का नाम नहीं लिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि वो कौन चेहरे हैं जो कहते थे कि हम वैक्सीन नही लगाएंगे। ये वैक्सीन बीजेपी की है, मोदी की है। अब जब “अब्बाजान” वैक्सीन लगाते हैं तो सब लगवा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कोरोना काल में लोगों की सरकार ने हर तरह से मदद की है। उत्तर प्रदेश में विधानमंडल का मानसून सत्र शोक प्रस्ताव पारित होने के बाद बुधवार 11 बजे तक स्थगित हो गया। इसे लेकर अखिलेश यादव ने भी कड़ा विरोध जताते हुए कहा था कि मैं बस इतना कहना चाहता हूं कि बीजेपी के मुख्यमंत्री को अपनी भाषा पर संतुलन रखना चाहिए मैंने उनका इंटरव्यू सुना हमारा आपका मुद्दों पर झगड़ा हो सकता है लेकिन मुख्यमंत्री अपनी भाषा पर संयम रखें अगर वो मेरे पिता जी को कुछ कहेंगे तो मैं भी उनके बारे में कुछ कह सकता हूं, मेरे पिता जी के बारे में कहेंगे तो अपने पिता के बारे में भी सुनने के लिये तैयार रहें।
बता दें कि, कुछ दिन पहले सीएम योगी ने नाम लिए बिना मुलायम सिंह के लिए “अब्बा जान” शब्द का इस्तेमाल किया था। समाजवादी पार्टी के एमएलसी के हंगामे के बाद दोबारा विधान परिषद की कार्रवाई शुरू हुई। सीएम योगी ने जवाब देते हुए कहा कि अभी हमने किसी का नाम नहीं लिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि वो कौन चेहरे हैं जो कहते थे कि हम वैक्सीन नही लगाएंगे। ये वैक्सीन बीजेपी की है, मोदी की है। अब जब “अब्बाजान” वैक्सीन लगाते हैं तो सब लगवा रहे हैं।