योग पर कांग्रेस नेता सिंघवी का विवादित बयान,बाबा रामदेव भड़के,भाजपा बोली छुटभैया नेता

योग पर कांग्रेस नेता सिंघवी का विवादित बयान,बाबा रामदेव भड़के,भाजपा बोली छुटभैया नेता

नई दिल्ली। कोरोना काल के बीच गाइडलाइंस का पालन करते हुए योग दिवस से जुड़े कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है। इस बीच कांग्रेस के नेता अभिषेक मनु सिंघवी के एक ट्वीट से विवाद खड़ा हो गया है। उन्होंने लिखा है कि ॐ के उच्चारण से ना तो योग ज्यादा शक्तिशाली हो जाएगा और ना अल्लाह कहने से योग की शक्ति कम होगी, अभिषेक मनु सिंघवी के ट्वीट पर एक चैनल से बात करते हुए रामदेव ने भी प्रतिक्रिया दी है, उन्होंने कहा है कि ईश्वर अल्लाह तेरो नाम, सबको सन्मति दे भगवान,सोशल मीडिया पर आज के दिन सिंघवी के इस ट्वीट पर मिलीजुली प्रतिक्रिया मिल रही है, बहुत से लोग विरोध में तो कुछ पक्ष में ट्वीट करते दिखे। दुनिया आज सातवां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मना रही है। पीएम मोदी ने शुभकामनाएं दी और कहा कि जब पूरा विश्व कोरोना महामारी से मुकाबला कर रहा है तो योग उम्मीद की किरण है, पिछले दो सालों में भले ही इस पर कोई बड़ा सार्वजनिक कार्यक्रम आयोजित न हुआ हो लेकिन योग के प्रति उत्साह कम नहीं हुआ है।
छुटभैया नेता अभिषेक मनु सिंघवी
रामदेव ने कहा कि अल्लाह और भगवान एक ही हैं, लिहाजा किसी को भी ॐ बोलने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए। रामदेव ने कहा कि हम किसी को भी खुदा बोलने से नहीं रोक रहे हैं, हर किसी को योग करना चाहिए, सभी को परमात्मा दिखेंगे। रामदेव के अलावा मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी सिंघवी के ट्वीट का जवाब दिया है। चौहान ने कहा कि ना जाने क्यों कांग्रेस के नेता ऐसे मौको पर इस तरह के बयान देकर राजनीति करते हैं। कोरोना काल में टीकाकरण और योग दोनों ही संजीवनी हैं, भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि अगर कोई छुटभैया नेता ट्वीट कर दे तो उससे योग की मान्यता कम नहीं होती है।

वहीं पश्चिमी दिल्ली से भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा ने कहा कि योग हिंदुओं-मुस्लिमों सबके लिए है, यह हर धर्म के लिए है, लेकिन सिंघवी ने इसे भी धर्म से जोड़ दिया है। कोई भी पर्व आता है, होली हो या दिल्ली ये इस तरह से धर्म के मामले लेकर सामने आते हैं। पिछले सात साल में मोदी सरकार में किसी भी तरह का धर्म के आधार पर दंगा नहीं हुआ है और सिंघवी को इस बात की तकलीफ है। इनके नेता राहुल गांधी त्योहार आने पर धोती पहन लेते हैं, इनसे संभलती नहीं, ये लोग चुनाव आने पर धोती और जनेऊ पहन लेते है और इसके बाद नदारद हो जाते हैं।

Exit mobile version