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Wednesday, September 18, 2024
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धर्मांतरण और विदेशी फंडिंग मामला: मौलाना सहित 12 को उम्रकैद और 4 को जुर्माना सहित 10 वर्ष की सजा!

गिरफ्तार आरोपियों द्वारा दिल्ली, उत्तर प्रदेश, झारखंड, महाराष्ट्र, उत्तराखंड सहित कई राज्यों में अवैध रूप से धर्मांतरण का एक बड़ा नेटवर्क खड़ा कर रखा था। इनके द्वारा हिंदू समाज के युवाओं को लालच देकर और उनका ब्रेनवाश किया जाता था।

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उत्तर प्रदेश लंबे समय से धर्मांतरण और विदेशी फंडिंग के मामले यूपी एटीएस और एनआईए द्वारा दोषी पाए जाने पर मौलाना कलीम सिद्दीकी सहित उसके 12 साथियों की हाईकोर्ट में सुनवाई की जा रही थी| तमाम जिरह व बहस के बाद कोर्ट ने मौलाना सहित उसके 12 साथियों को उम्र कैद की सजा सुनाई है|वही दूसरी ओर इसी मामले की सुनवाई में अन्य चार दोषियों को 10-10 वर्ष की सजा के साथ ही अर्थदंड के रूप में जुर्माना भी लगाया है|  

कोर्ट ने इस मामले में मौलाना कलीम सिद्दीकी, कौसर आलम, डाॅ. फराज बाबुल्ला शाह, प्रसाद रामेश्वर कोवरे उर्फ आदम, भूप्रिय बंदो उर्फ अर्सलान मुस्तफा, मोहम्मद उमर गौतम, मुफ्ती काजी जहांगीर कासमी, इरफान शेख उर्फ इरफान खान, सलाउद्दीन जैनुद्दीन शेख, धीरज गोविंद राव जगताप, सरफराज अली जाफरी व अब्दुल्ला उमर है। इन्हें धारा 121 ए भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत उम्र कैद की सजा सुनाई गई है।

बता दें कि मौलाना के सबसे करीबी सहयोगी हाफिज इदरीश की गिरफ्तारी पर हाईकोर्ट से रोक है इसलिए फिलहाल उसे कोई सजा नहीं सुनाई गई है। सजा सुनाए जाते समय कोर्ट में बड़ी संख्या में अधिवक्ता व मौलाना तथा उसके साथियों के समर्थक मौजूद थे। एटीएस और एनआईए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश विवेकानंद शरण त्रिपाठी ने सभी 16 आरोपियों को दोषी करार दे दिया था। बुधवार को दोषियों को सजा सुनाई। कोर्ट ने मौलाना के सहयोगी श्याम प्रताप सिंह उर्फ मौलाना उमर गौतम को भी उम्रकैद की सजा सुनाई है, जिसकी गिरफ्तारी के बाद ही मौलाना का नेटवर्क सामने आया था।

हिंदू से धर्मांतरण के बाद श्याम हिन्दुओं को मुस्लिम बनाने में काफी सक्रिय था| एटीएस ने मुजफ्फरनगर के मौलाना कलीम सिद्दीकी और उसका सहयोगी हाफिज इदरीश व अन्य को गिरफ्तार किया था| कलीम मदरसा जामिया इमाम वलीउल्लाह इस्लामिया का संचालन भी करता है| इसको लेकर यूपी एटीएस ने वर्ष 2021, 20 जून को मामला दर्ज कराया था|

एटीएस के अनुसार, गिरफ्तार आरोपियों द्वारा दिल्ली, उत्तर प्रदेश, झारखंड, महाराष्ट्र, उत्तराखंड सहित कई राज्यों में अवैध रूप से धर्मांतरण का एक बड़ा नेटवर्क खड़ा कर रखा था। इनके द्वारा हिंदू समाज के युवाओं को लालच देकर और उनका ब्रेनवाश किया जाता था। धर्मांतरण करने वालों को बाद में इनके द्वारा नया नाम दिया जाता था।

एटीएस के नागेंद्र गोस्वामी ने सुनवाई को दौरान कोर्ट को बताया कि पकड़े गए लोग आईएसआई और विदेशी संस्थाओं से फंडिंग के माध्यम से पूरे देश में नेटवर्क फैला रखा था, जिसमे उत्तर प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, महाराष्ट्र भी शामिल है। गिरोह की विदेशों से फंडिंग होती थी, जिसके दस्तावेज भी बरामद हुए थे।

एटीएस ने अपने जांच में बताया कि मौलाना कलीम और उसके साथियों ने अब तक एक हजार से अधिक लोगों का धर्मांतरण कराया| और बड़ी संख्या में उनका निकाह भी कराया है| इनके निशाने पर बच्चे, महिलाएं, अनुसूचित जाति, जनजाति तथा मूक बधिर रहते थे। नोएडा के मूकबधिर स्कूल के बच्चों को भी गायब करने की बात सामने आई थी।

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