देश​ का​ सबसे पुरा​ना​ मामला:​ ​72 साल बाद ​कोर्ट ने सुनाया ​फैसला​ ​​!​​  

इस अदालत के वर्तमान मुख्य न्यायाधीश का जन्म मुकदमा दायर होने के लगभग एक दशक बाद हुआ था। इस मामले की तरह 1952 में भी इसी तरह के 5 अन्य पुराने मामले दर्ज हैं| इनमें से दो मामले दीवानी हैं और पश्चिम बंगाल की मालदा अदालत में लंबित हैं।

देश​ का​ सबसे पुरा​ना​ मामला:​ ​72 साल बाद ​कोर्ट ने सुनाया ​फैसला​ ​​!​​  

Country's oldest case: After 72 years, the court gave its verdict!

कोर्ट केस कई साल से लंबित हैं। इसी कारण कहा जाता है कि बुद्धिमान व्यक्ति को कचहरी की सीढ़ियां नहीं चढ़नी चाहिए। कुछ मामलों में आरोपी की मौत हो जाती है, लेकिन फिर भी वे मामले अदालत में लंबित हैं। इस समय देश का एक ऐसा ही पुराना मामला चर्चा में है। 1951 का मामला पिछले सप्ताह सुलझा लिया गया था। करीब 72 साल से इस केस पर सुनवाई चल रही थी।

मामला बेरहामपुर बैंक लिमिटेड के परिसमापन से संबंधित था। मामले की सुनवाई कलकत्ता हाईकोर्ट में चल रही थी। मामला इतना पुराना है कि इस अदालत के वर्तमान मुख्य न्यायाधीश का जन्म मुकदमा दायर होने के लगभग एक दशक बाद हुआ था। इस मामले की तरह 1952 में भी इसी तरह के 5 अन्य पुराने मामले दर्ज हैं| इनमें से दो मामले दीवानी हैं और पश्चिम बंगाल की मालदा अदालत में लंबित हैं।

1951 में बेरहामपुर बैंक लिमिटेड के परिसमापन का मामला अदालत के सामने आया। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने भारत की स्वतंत्रता से पहले 19 नवंबर, 1948 को बैंक को दिवालिया घोषित कर दिया। साथ ही इस बैंक को बंद करने का आदेश दिया, लेकिन कोर्ट के इस आदेश को कई ग्राहकों ने अपने पैसे वापस पाने के लिए याचिका के जरिए चुनौती दी थी|  इन याचिकाओं के माध्यम से मामला 1 जनवरी 1951 को फिर से अदालत के सामने आया। उस समय केस नंबर 71/1951 दिया गया था। तभी से इस मामले की सुनवाई चल रही है|

जानकारी के मुताबिक बैंक के परिसमापन को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर पिछले साल सितंबर महीने में दो बार सुनवाई हुई थी, लेकिन उस समय इन तारीखों पर कोई उपस्थित नहीं हुआ था। लेकिन अब यह मामला सुलझा लिया गया है।
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