कोर्ट केस कई साल से लंबित हैं। इसी कारण कहा जाता है कि बुद्धिमान व्यक्ति को कचहरी की सीढ़ियां नहीं चढ़नी चाहिए। कुछ मामलों में आरोपी की मौत हो जाती है, लेकिन फिर भी वे मामले अदालत में लंबित हैं। इस समय देश का एक ऐसा ही पुराना मामला चर्चा में है। 1951 का मामला पिछले सप्ताह सुलझा लिया गया था। करीब 72 साल से इस केस पर सुनवाई चल रही थी।
1951 में बेरहामपुर बैंक लिमिटेड के परिसमापन का मामला अदालत के सामने आया। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने भारत की स्वतंत्रता से पहले 19 नवंबर, 1948 को बैंक को दिवालिया घोषित कर दिया। साथ ही इस बैंक को बंद करने का आदेश दिया, लेकिन कोर्ट के इस आदेश को कई ग्राहकों ने अपने पैसे वापस पाने के लिए याचिका के जरिए चुनौती दी थी| इन याचिकाओं के माध्यम से मामला 1 जनवरी 1951 को फिर से अदालत के सामने आया। उस समय केस नंबर 71/1951 दिया गया था। तभी से इस मामले की सुनवाई चल रही है|