प्रसिद्ध उद्योगपति प्रशांत कारुलकर के पुत्र और कारुलकर प्रतिष्ठान के अध्यक्ष विवान कारुलकर की पुस्तक ‘सनातन धर्म: सभी विज्ञानों का सच्चा स्रोत’ के मराठी संस्करण का विमोचन लालबाग के शाही दरबार में किया गया। 9 सितंबर को जब प्रशांत कारुलकर लालबाग के राजा के दर्शन के लिए गए तो इस पुस्तक के मराठी संस्करण की एक प्रति लालबाग के राजा के चरणों में अर्पित की गई।
विवान कारुलकर की यह किताब तीन भाषाओं में प्रकाशित हुई है। किताब को काफी अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है और अंग्रेजी में किताब का पहला संस्करण अयोध्या के राम मंदिर में जारी किया गया। राम मंदिर ट्रस्ट के चंपतराय ने भी इस धार्मिक पुस्तक की सराहना की है| नीलिमा देशपांडे ने इसके मराठी संस्करण का अनुवाद किया है| इस अवसर पर प्रशांत कारुलकर ने लालबाग के राजा की कार्यकारिणी को धन्यवाद दिया है| इस मुलाकात को संभव बनाने के लिए अक्षय को विशेष धन्यवाद।
इतनी कम उम्र में ऐसी किताब लिखने के लिए विवान का नाम एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में शामिल हो चुका है। ‘एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स’ ने इस किताब और विवान कारुलकर के लेखन पर ध्यान दिया। विवान ने सनातन धर्म पर सबसे कम उम्र के लेखक के रूप में इतिहास रचा है। उनके रिकॉर्ड प्रदर्शन को ‘एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स’ द्वारा आधिकारिक तौर पर मान्यता दी गई है। उन्हें ‘एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स’ की ओर से अवॉर्ड और सर्टिफिकेट दिया गया है।
विवान को उनके सराहनीय काम के लिए लंदन के बकिंघम पैलेस में शाही परिवार द्वारा बैज और सिक्के से सम्मानित किया गया। दिलचस्प बात यह है कि ये सिक्के बेहद दुर्लभ हैं। विवान की किताब की चर्चा हाल ही में यूके में हो रही थी| उस वक्त मौजूदा प्रधानमंत्री कीर स्ट्रैमर ने भी विवान की किताब की तारीफ की थी|
विवान को धार्मिक साहित्य में उनके योगदान के लिए भारतीय सेना द्वारा पदक से सम्मानित किया गया था। विवान को ये सम्मान महज 17 साल की उम्र में मिला है|पदक लेफ्टिनेंट जनरल धीरज सेठ द्वारा प्रदान किया गया। नासा के वैज्ञानिक मोहम्मद सईदुल अहसन और मोहम्मद सैफ आलम ने भी विवान की किताब की सराहना की| उन्हें इस पुस्तक से सम्मानित किया गया। विवान की किताब स्विट्जरलैंड भी पहुंची| स्विट्जरलैंड की संसदीय समिति के प्रमुख डॉ. निक गुग्गर ने विवान के लेखन की प्रशंसा की।
प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार समिति के सदस्य संजीव सान्याल ने भी इस किताब के लिए विवान की सराहना की| जैन धर्म के आचार्य महाश्रमण जी ने भी पुस्तक देखकर विवान को आशीर्वाद दिया।
भारतीय जनता पार्टी के विधायक और मुंबई प्रभारी अतुल भातखलकर, सांसद गोपाल शेट्टी, सुशील कुल्हारी, राजस्थान के प्रधान आयकर निदेशक सुधांशु शेखर झा, स्वतंत्रता वीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक के कार्यकारी अध्यक्ष रंजीत सावरकर, मुंबई नगर निगम के पूर्व अतिरिक्त आयुक्त प्रवीण परदेशी, धाराशिव के कलेक्टर डाॅ. सचिन ओम्बासे, धाराशिव के पुलिस अधीक्षक अतुल कुलकर्णी, मा. गुरुदेव नया पद्मसागर जी, सीमा शुल्क विभाग के आयुक्त असलम हसन, केंद्रीय मंत्री रावसाहेब दानवे के निजी सचिव एस. के. जाधव ने भी विवान के प्रयास की सराहना की।
राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय ने भी इस पुस्तक की काफी सराहना की है| साथ ही इस पुस्तक को भगवान श्री राम के चरणों में रखकर भगवान का आशीर्वाद भी लिया गया है। चम्पतराय ने पहले पन्ने पर किताब के बारे में अपनी भावनाएं लिखीं और विवान के प्रयासों की सराहना की।
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