नई दिल्ली। कोरोना की तीसरी लहर के आने से पहले और दूसरी लहर के बीच भारत बड़े पैमाने पर टीकाकरण का काम जल्द कर लेना चाहता है। हालांकि ख़बरों के अनुसार अप्रैल के बजाय मई माह में वैक्सीनेशन में कमी आई है। इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन की चीफ साइंटिस्ट सौम्या स्वामीनाथ ने जोर देते हुए कहा है कि WHO वैक्सीन पर व्यापार संबंधी अधिकार और TRIPS को हटाने के पक्ष में है। चीफ साइंटिस्ट ने कहा ‘ये मुनाफे के बारे में सोचने का वक्त नहीं’
स्वामीनाथन ने कहा, ‘भारत और दक्षिण अफ्रीका के ट्रिप्स हटाने के प्रस्ताव का WHO समर्थन करता है और मानता है कि इसमें छूट दी जानी चाहिए. विश्व स्वास्थ्य संगठन प्रमुख टेड्रोस इस बारे में पहले कई बार बात कर चुके हैं. ये मुनाफे और पेटेंट की चिंता करने का वक्त नहीं है.’
स्वामीनाथन ने कहा कि कोरोना महामारी का मुकाबला करने का एकमात्र हथियार बड़े लेवल पर वैक्सीनेशन करना, जो इससे पहले कभी नहीं हुआ. इसके लिए COVID-19 के खिलाफ वैश्विक प्रयासों को मजबूत करने और नई टेक्नोलॉजी और प्रभावी टूल्स का निर्माण जरूरी है. कब तक ट्रिप्स के प्रावधानों में छूट मिल सकती है इसको लेकर कोई समय सीमा स्वामीनाथन ने तय नहीं की.
हमारी रणनीति सहयोग की होनी चाहिए उन्होंने कहा कि अगर कोई कंपनी वैक्सीन बनाने से संबंधित कोई जानकारी और अपना स्पेशलाइजेशन अपनी इच्छा के मुताबिक शेयर करती है तो इसके लिए इंतजार की जरूरत है. ये छूट के प्रावधान किसी को रोकने के लिए नहीं हैं. उन्होंने कहा कि महामारी के खिलाफ हमारी रणनीति वैश्विक एकता और सहयोग की होनी चाहिए. इस वक्त सप्लाई का सही इस्तेमाल जरूरी बड़े स्तर पर टीकाकरण से सप्लाई कम हो सकती है ऐसे में हमें मौजूदा सप्लाई का इस्तेमाल अपने दिमाग से करना है.
टीकाकरण अभियान पड़ा धीमा
एक रिपोर्ट के मुताबिक, अप्रैल में पीक पर पहुंचा टीकाकरण का अभियान मई में धीमा पड़ गया. 9 मई को वैक्सीन की केवल 6,89,652 डोज ही दी गईं जो 5 अप्रैल के मुकाबले 84 फीसदी कम है. अप्रैल में जिस तरह टीकाकरण के आंकड़ों में तेजी आई, वो तेजी दोबारा नहीं आई. वास्तव में, पिछले महीने के बाद के दिनों में टीकाकरण की गति में कमी देखी गई. इस महीने में लगभग सभी राज्य सरकारों ने टीकाकरण की कमी के बारे में शिकायत की और कई जिलों में टीकाकरण को रोक दिया है .