घटना के बाद पूरे इलाके में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि दो हथियारबंद अपराधी अचानक रेलवे साइडिंग पर पहुंचे और बिना किसी चेतावनी के चालक को निशाना बनाकर गोलियां बरसाने लगे। उसे पांच गोलियां लगी हैं।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि हमले के पीछे की वजह अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन हर पहलू पर जांच की जा रही है। झारखंड में रेलवे साइडिंग पर गोलीबारी की यह कोई पहली घटना नहीं है। हाल के महीनों में कई जगहों पर इस तरह की वारदात सामने आई हैं। 18 अगस्त को चतरा जिले के पिपरवार में अमन साहू गिरोह के अपराधियों ने राजधर रेलवे साइडिंग के पास एक डंपर पर फायरिंग की थी। इसके बाद कोयले की ट्रांसपोर्टिंग घंटों बाधित रही थी।
10 जुलाई को लातेहार के टोरी रेलवे कोल साइडिंग पर भी राहुल दुबे गैंग ने हमला किया था। इस दौरान एक हाइवा में आग लगाई गई और गोलीबारी कर दहशत फैलाने की कोशिश की गई। 13 जून को रामगढ़ जिले के भुरकुंडा रेलवे साइडिंग कार्यालय पर राहुल दुबे गैंग ने रंगदारी वसूली के लिए गोलीबारी की थी।
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