भारतीय मौसम विभाग ने बताया कि बिपारजॉय धीरे धीरे तट की ओर बढ़ रहा है। विभाग के अनुसार तूफानी चक्रवात दस किलोमीटर की रफ़्तार से आगे बढ़ रहा है। बताया जा रहा है कि बिपारजॉय गुजरात के सौराष्ट्र और कच्छ के क्षेत्र के साथ पाकिस्तान के तटों से गुरुवार को टकरा सकता है। इस बीच गुजरात के ओखा में तूफान की लहरों में फंसे लोगों का रेस्क्यू किया गया। बताया जा रहा है कि 60 सालों में पश्चिमी तटों से टकराने वाला यह तीसरा चक्रवाती तूफ़ान है। बिपारजॉय के गति के बारे में कहा जा रहा है कि इसकी ज्यादा गति होने का कारण जलवायु परिवर्तन का नकारात्मक प्रभाव है।
मौसम विभाग में कच्छ, जामनगर, राजकोट, जूनागढ़ और मोरबी कम चक्रवात का सबसे ज्यादा असर पड़ने वाला है। बताया जा रहा कि तूफान की वजह से 125 से 135 प्रति घंटा की रफ़्तार से हवाएं चलने वाली हैं। इस बीच गुजरात के ओखा से 20 समुद्री मिल की दूरी पर आयल डीलिंग का काम कर रहे लोग फंस गए थे। जिन्हें रेस्क्यू किया गया। इन मजदूरों को ध्रुव हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू किया गया। तूफ़ान को देखते हुए गुजरात के कई बन्दरगागाहों को बंद कर दिया गया है।
कोस्ट गार्ड ने तट पर रहने वालों को समुद्र के किनारे जाने से मना किया है। मछुआरों को तट से दूर रहने की सलाह दी गई है। सरकार ने तूफ़ान से होने वाले नुकसान को कम करने के लिए एनडीआरएफ की टीमों को तैनात किया है। साथ ही एनडीआरएफ टीमों ने निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को बाहर निकाला है और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है।
बिपारजॉय को देखते हुए मौसम विभाग ने सौराष्ट्र और कच्छ के तटीय क्षेत्रों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। तूफ़ान की वजह से इन इलाकों में भारी बारिश होने वाली है। साथ ही, भारी बारिश से बचने के लिए निपटने की तैयारी की जा रही है। बताया जा रहा है कि गुजरात के तट के नजदीक पांच किलोमीटर तक के दायरे में रहने वालों को बाहर निकाला किया गया है। अभी तक राज्य के तटीय इलाकों से 20580 लोगों को बाहर निकालकर राहत कैंपों में रखा गया है।
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