मध्य प्रदेश के उज्जैन में एक चौंकाने वाला मामला प्रकाश मेंआया है। यहां पर अनुसूचित जाति के दूल्हे को मंदिर में प्रवेश से रोकने के लिए दबंगों ने ताला लगा दिया। बताया जाता है कि दूल्हा पुलिसकर्मी है।
अखिल भारतीय बलाई महासंघ के अध्यक्ष मनोज परमार ने मामले की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि उज्जैन के भाटपचलाना क्षेत्र के बर्दिया गांव में पुलिस आरक्षक मेहरबान परमार अपनी बारात के दौरान रविवार रात राम मंदिर में दर्शन करना चाहते थे।
लेकिन जातिगत भेदभाव के चलते कुछ ताकतवर लोगों ने मंदिर के द्वार पर ताला लगा दिया, ताकि दलित समुदाय का दूल्हा इसके भीतर प्रवेश न कर सके। परमार ने दावा किया कि करीब 5,000 की आबादी वाले बर्दिया गांव का यह राम मंदिर सार्वजनिक है।
उधर, भाटपचलाना थाने के प्रभारी संजय वर्मा ने कहा कि गांव के राजपूत समुदाय ने पुलिस के सामने कुछ दस्तावेज पेश कर दावा किया है कि संबंधित राम मंदिर उन्होंने बनवाया है। यही समुदाय अपने खर्च पर पिछले कई साल से मंदिर का रख-रखाव भी कर रहा है।
उन्होंने कहा कि हमें बताया गया है कि मंदिर के पुजारी के परिवार में एक व्यक्ति की मृत्यु हुई है और सूतक (परिवार के किसी सदस्य की मृत्यु होने पर तय अवधि तक पूजा-पाठ से दूर रहने की हिंदू मान्यता) के कारण मंदिर बंद है।
थाना प्रभारी ने बताया कि उन्होंने प्रशासन से यह तय करने का अनुरोध किया है कि संबंधित राम मंदिर सार्वजनिक है या नहीं? उन्होंने कहा कि इस संबंध में प्रशासन के फैसले के बाद पुलिस उचित कदम उठाएगी।
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