वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद विवाद के बाद क़ुतुब मीनार को लेकर भी विवाद गहराता दिखाई दे रहा है|कोर्ट में हिन्दू पक्ष के वकील द्वारा कहा गया की सदियों पुराना क़ुतुब स्तंभ है|इस परिसर में हिंदू पक्ष पूजा के अधिकार की मांग की है| वही हिंदू पक्ष की यह मांग है कि क़ुतुब मीनार को मंदिर ट्रस्ट बनाया जाये|उक्त मामले में 9 जून को कोर्ट अपना फैसला सुनाएगा|
कोर्ट की सुनवाई में हिंदू पक्ष के वकील हरीशंकर जैन ने कोर्ट में दावा किया कि यहां प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट लागू नहीं होता| उन्होंने आगे कहा कि नेशनल मॉन्युमेंट एक्ट कहता है कि किसी संरक्षित स्मारक के धार्मिक स्वरुप को बदला नहीं जा सकता| जैन का यह कहना है कि यहा देवता हमेशा विद्यमान रहे हैं, उनकी मौजूदगी हमेशा से है|उनकी पूजा अर्चना का अधिकार भी कायम है|
दिल्ली के साकेत कोर्ट ने इस मामले में सभी पक्षों को एक हफ्ते में जवाब दाखिल करने के लिए कहा है| कोर्ट ने मामले में अपना फैसला सुरक्षित रखा है| हरिशंकर जैन ने कहा कि 80 दशकों से भी ज्यादा वक्त से यहां नमाज नहीं पढ़ी गई|
गौरतलब है कि इस मामले में सिविल कोर्ट ने प्लेसस ऑफ वर्शिप एक्ट के आधार पर याचिका खारिज कर दी थी| भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण विभाग के वकील सुभाष गुप्ता ने कहा कि याचिका स्वीकार करने लायक नहीं है| हिंदू पक्ष की की ओर से इस मामले में आर्टिकल 25 का हवाला दिया गया|
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