दिल्ली पुलिस ने राजधानी में जाली दस्तावेज बनाकर बांग्लादेशियों को भारत में बसाने वाले एक रैकेट का पर्दाफाश किया है। दिल्ली पुलिस ने 5 बांग्लादेशी नागरिकों सहित 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जो जाली दस्तावेज बनाने और फर्जी पहचान पत्र मुहैया कराने में शामिल थे। आरोपी भारतीय नागरिकों के लिए जरूरी कई तरह के दस्तावेज बनाने के लिए फर्जी वेबसाइट का इस्तेमाल करते थे।
गिरफ्तारी के बारे में जानकारी देते हुए डीसीपी साउथ अंकित चौहान ने कहा, अवैध घुसपैठ करने वाले बांग्लादेशी नागरिकों को सुविधा देने वाले एक बड़े रैकेट का पर्दाफाश हुआ है। फर्जी वेबसाइट के जरिए जाली आईडी का इस्तेमाल कर फर्जी आधार, वोटर आईडी कार्ड और अन्य दस्तावेज बनाए गए थे। फर्जी वेबसाइट के पीछे दस्तावेज जालसाज, आधार ऑपरेटर और तकनीकी विशेषज्ञ समेत 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। अवैध घुसपैठ भारतीय क्षेत्र में लिए जंगल के रास्तों और एक्सप्रेस ट्रेनों का इस्तेमाल कर प्रवास करते थे।
बता दें की, दिल्ली सरकार के शिक्षा निर्देशालय (डीओई) ने स्कूलों में अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों के प्रवेश को रोकने के लिए सख्त निर्देश जारी किए है, जिसमें प्रवेश प्रक्रिया के दौरान दस्तावेजों के गहन सत्यापन पर जोर दिया गया था। सभी सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त और निजी स्कूलों को यह निर्देश जारी किया गया है।
एमसीडी ने भी स्कूलों को अवैध घुसपैठ करने वाले बांग्लादेशी बच्चों की पहचान करने और ऐसे प्रवासियों को जन्म प्रमाण पत्र जारी न करने के निर्देश जारी किए थे। एमसीडी ने सभी ज़ोन को अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों द्वारा अतिक्रमण हटाने के लिए उचित कारवाई करने का आदेश भी जारी किया है।
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दौरान एलजी वीके सक्सेना के आदेश पर दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी में अवैध प्रवासियों की पहचान के लिए अभियान चलाया। दस्तावेज़ सत्यापन अभियान के दौरान, दिल्ली पुलिस ने रविवार (22 दिसंबर) को 175 अवैध बांग्लादेशी घुसपैठों की पहचान की है। यह एक डोर-टू-डोर चेकिंग अभियान है जो 11 दिसंबर को शुरू हुआ और दो महीने तक जारी रहेगा।बता दें की राष्ट्रीय राजधानी में दिल्ली पुलिस ने ऐसे 1,500 प्रवासियों की पहचान की है।