मेट्रो के दरवाजे में साड़ी फंसने से दो बच्चों की माँ का दुखद अंत!

25 मिमी से अधिक मोटा कपड़ा जाम होने पर ही सिस्टम इसके बारे में संदेश देता है। साड़ी और भी पतली थी इसलिए दरवाजे अपने आप नहीं खुल रहे थे|

मेट्रो के दरवाजे में साड़ी फंसने से दो बच्चों की माँ का दुखद अंत!

Mother of two meets tragic end as saree gets stuck in metro door!

दिल्ली इंद्रलोक मेट्रो स्टेशन पर एक अजीब हादसा हुआ है| इस हादसे में एक महिला की मौत हो गई|महिला का नाम रीना है और अस्पताल ने बताया कि उसकी मौत मस्तिष्क और सीने में गंभीर चोट लगने के कारण हुई।इस बीच, दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने शनिवार को जारी एक बयान में कहा है कि मेट्रो रेल सुरक्षा आयुक्त घटना की गहन जांच करेंगे|

सीसीटीवी फुटेज के मुताबिक, स्टेशन पर मेट्रो ट्रेन पहुंचने के बाद सबसे पहले एक महिला कोच में चढ़ी। हालांकि, उनका बेटा मंच पर ही बैठा रहा| तो वह फिर पीछे मुड़ी| जैसे ही वह पीछे मुड़ रही थी,मेट्रो के दरवाजे बंद हो रहे थे और उसकी साड़ी मेट्रो के बंद दरवाजों में फंस गई। जैसे ही मेट्रो आगे बढ़ी तो वह भी मेट्रो की ओर खिंची चली गई। महिला मेट्रो स्टेशन से बाहर निकलते ही पटरी पर आ गई। दोपहर 1 बजे इसके 04 मिनट बाद यह घटना घटी|

 उधर, गंभीर रूप से घायल महिला को नजदीकी अस्पताल ले जाया गया। लेकिन वहां वेंटीलेटर न होने के कारण उन्हें प्रवेश नहीं दिया गया। दीपचंद बंधु अस्पताल द्वारा इलाज से इनकार करने के बाद उन्हें राम मनोहर लोहिया अस्पताल और लोकनायक अस्पताल ले जाया गया। लेकिन वहां भी उसे इलाज देने से मना कर दिया गया| आख़िरकार उसे सफदरजंग में भर्ती कराया गया।

अस्पताल में उसका इलाज करने वाले डॉक्टरों ने कहा कि जब महिला को अस्पताल में भर्ती कराया गया था तो उसकी हालत गंभीर थी। उसके दिमाग पर चोट लगी थी| साथ ही सिर के दाहिनी ओर भी फ्रैक्चर था| सीने पर प्रहार के कारण सांस लेने में भी दिक्कत हो रही थी| इसी बीच शनिवार को ही इस महिला की मौत हो गयी|रीना के पति का 2014 में निधन हो गया था|तब से वह नांगलोई में सब्जियां बेचकर अपने परिवार का भरण-पोषण कर रही थी। उनके परिवार में 11 साल का बेटा हितेन और 13 साल की बेटी रिया है। रीना अपने बेटे के साथ एक शादी में जा रही थीं, तभी यह हादसा हुआ।

इस बीच उनके परिजनों ने मांग की है कि दिल्ली मेट्रो प्रशासन मुआवजा दे| परिजनों का कहना है कि अगर दरवाजा खुला होता तो रीना की जान बच जाती। दिल्ली मेट्रो प्रशासन ने रीना के परिजनों को मुआवजा देने की मंजूरी दे दी है| साथ ही, मेट्रो ट्रेनों में सेंसर लगे होते हैं, जो किसी भी तरह की रुकावट होने पर दरवाजे अपने आप खुल जाते हैं। दिल्ली मेट्रो के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सेंसर फेल नहीं हुए हैं| 25 मिमी से अधिक मोटा कपड़ा जाम होने पर ही सिस्टम इसके बारे में संदेश देता है। साड़ी और भी पतली थी इसलिए दरवाजे अपने आप नहीं खुल रहे थे|

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