उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर लेटर की कॉपी भी शेयर की, जिसमें लिखा है, “कुछ असत्यापित पपराजी और ऑनलाइन मीडिया संचालकों के खिलाफ औपचारिक शिकायत दर्ज कराना चाहता हूं, जिन्होंने भारतीय सिनेमा के सबसे सम्मानित दिग्गजों में से एक, पद्म भूषण धर्मेंद्र जी की बीमारी से संबंधित हालिया कवरेज में शालीनता और नैतिकता की सभी सीमाओं को पार कर दिया।
आईएफएटीडीए ने इसे पूरी तरह अमानवीय, अनैतिक और गैर-कानूनी बताया है।
अशोक पंडित ने कहा, “हमारे सिनेमा के दिग्गज कोई वस्तु नहीं हैं, वे इंसान हैं। बीमारी और निजी संकट के समय भी उनकी गरिमा का सम्मान करना चाहिए। यह व्यवहार न सिर्फ नैतिक रूप से गलत है, बल्कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत मिले निजता के अधिकार का भी उल्लंघन है। यह भारतीय दंड संहिता और इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट के तहत आपराधिक अपराध है।”
शिकायत में विशेष रूप से कहा गया कि फिल्मी हस्तियां चाहे जितनी बड़ी हों, उनके साथ भी इंसानों जैसा व्यवहार होना चाहिए। खासकर बीमारी या दुख की घड़ी में उनकी प्राइवेसी का सम्मान सबसे जरूरी है।
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