देश के पहले सीडीएस बिपिन रावत नहीं रहे

तमिलनाडु के कन्नूर में हेलीकॉप्टर दुर्घटना में 13 लोगों की मौत

देश के पहले सीडीएस बिपिन रावत नहीं रहे

देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) बिपिन रावत नहीं रहे। तमिलनाडु के कन्नूर में सीडीएस बिपिन रावत का हेलीकॉप्टर क्रैश होने के बाद उनकी पत्नी सहित 13 लोगों की मौत हो गई। जबकि एक जवान का इलाज जारी है। इस संबंध की जानकारी वायुसेना ने ट्वीट कर दी है। उनके निधन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ,पीएम नरेंद्र मोदी , गृहमंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री ने शोक व्यक्त किया है।

31 दिसंबर 2019 को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) पद सृजित किया गया था। इसके बाद जनवरी 2020 में बिपिन रावत ने पदभार संभाला। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का प्रमुख काम तीनों सेना वायुसेना, थल सेना और नौसेना के बीच समन्वय स्थापित करना है। बिपिन रावत देश के पहले सीडीएस है। बता दें कि इससे पहले चीफ ऑफ़ स्टाफ कमेटी थी। जिसमें थल सेना , वायु सेना और नौ सेना के वरिष्ठ सदस्यों को इसका चेयर मैन नियुक्त किया जाता था। जिससे खत्म कर चीफ ऑफ़ डिफेंस स्टाफ पद सृजित किया गया।

बिपिन रावत का जन्म 16 मार्च 1958 को उत्तराखंड के पौड़ी जिले के द्वारीखा ब्लॉक के सैंण गबव के मूल निवासी है। बिपिन रावत के पिता आर्मी में थे। जबकि उनकी पत्नी उत्तरकाशी किले की हैं। बिपिन रावत का बचपन सेना में बीता है। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा सेंट एडवर्ड स्कूल शिमला में प्राप्त की है।

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इसके बाद उन्होंने भारतीय सैन्य अकादमी में भर्ती होने के बाद देहरादून चले गए। उनकी  उन्हें ‘स्वॉर्ड ऑफ ऑनर’ से सम्मानित किया गया। उन्होंने संयुक्त राज्य में अध्ययन करने का फैसला किया और आगे की शिक्षा के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका चले गए। वहां उन्होंने सर्विस स्टाफ कॉलेज से ग्रेजुएशन किया और हाईकमान का कोर्स किया है। अमेरिका से लौटने के बाद बिपिन रावत ने 16 दिसंबर 1978 में सेना में भर्ती हुए। रावत को गोरखा 11 राइफल्स की 5वीं बटालियन में शामिल किया गया था। उन्होंने सेना के लिए नीतियां बनाने का काम किया।

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