बांग्लादेश आज अभूतपूर्व तनाव की स्थिति में है। रविवार(16 नवंबर) की रात कई धमाकों और बढ़ती उथल-पुथल के बीच पूरा देश उस ऐतिहासिक क्षण की प्रतीक्षा कर रहा है। अंतरराष्ट्रीय अपराध ट्रिब्यूनल (ICT) पूर्व प्रधानमंत्री शेख़ हसीना के खिलाफ मानवता-विरोधी अपराधों के मामले में अपना अंतिम फैसला सुनाएगा। यदि हसीना दोषी ठहराई जाती हैं, तो उन्हें मौत की सज़ा का सामना करना पड़ सकता है। यह फैसला उन भीषण जुलाई 2024 विरोध प्रदर्शनों के डेढ़ वर्ष बाद आ रहा है। हसीना का 15 साल पुराना शासन ढहने से उन्हें देश छोड़कर भारत में शरण लेनी पड़ी।
रविवार देर रात अवामी लीग के आधिकारिक फ़ेसबुक पेज पर हसीना का एक भावुक ऑडियो संदेश पोस्ट किया गया। संदेश में उन्होंने कहा, “डरने की कोई बात नहीं। मैं ज़िंदा हूँ और अपने लोगों का साथ दूँगी। यह जिंदगी अल्लाह ने दी है, और वो ही इसे ख़त्म करेगा।” उन्होंने अपने समर्थकों से कहा कि सरकारी प्रतिबंधों के बावजूद वे सोमवार को प्रदर्शन जारी रखें।
हसीना ने नोबेल पुरस्कार विजेता और अंतरिम प्रमुख मोहम्मद यूनुस पर साज़िश के तहत सत्ता हथियाने, अवामी लीग को निशाना बनाने और कार्यकर्ताओं को स्कूलों, अधिकारों और रोज़मर्रा की ज़रूरतों से वंचित करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “अवामी लीग मिटाई नहीं जा सकती। यह पार्टी जनता की मिट्टी में बसी है।”
ट्रायल को राजनीतिक बदला बताते हुए अवामी लीग ने सोमवार(17 नवंबर) को देशव्यापी बंद की घोषणा की। हसीना ने ICT पर 1973 के युद्ध अपराध कानून की अवहेलना का आरोप लगाते हुए इसे कंगारू कोर्ट कहा। उन्होंने दावा किया कि मुख्य अभियोजक के आरोप झूठे हैं और जुलाई हिंसा में किसी भी व्यक्ति की हत्या का आदेश उन्होंने नहीं दिया था। उनके अनुसार, हिंसा यूनुस समर्थकों द्वारा करवाकर अवामी लीग को फँसाने की कोशिश की गई।
कानून के अनुसार, हसीना केवल तभी अपील कर सकती हैं, जब वे ढाका लौटकर गिरफ्तार हों या 30 दिनों के भीतर आत्मसमर्पण करें। अभियोजन पक्ष ने घोषणा की कि फैसले के हिस्से BTV और ICT-BD के आधिकारिक फ़ेसबुक पेज पर लाइव प्रसारित होंगे। इसी बीच, अंतरिम सरकार के सलाहकार जहांगिर आलम चौधरी ने चेतावनी दी, “फैसला जो भी हो, उसे लागू किया जाएगा।”
हसीना के बेटे और राजनीतिक सलाहकार सजीब वाज़ेद ने चेतावनी दी कि यदि पार्टी पर प्रतिबंध जारी रहा, तो फरवरी 2025 के चुनावों को “बाधित” किया जा सकता है।
तीन दिनों से राजधानी ढाका में लगातार क्रूड बम धमाके, पेट्रोल बम और आगज़नी की घटनाएँ सामने आ रही हैं। रविवार रात दो क्रूड बम अंतरिम सरकार की सलाहकार सैयदा रिज़वाना हसन के घर के बाहर फटे, जबकि एक और धमाका करवान बाज़ार क्षेत्र में हुआ। बसों में आग लगाने, पुलिस स्टेशन परिसर के कचरा-डंपिंग ज़ोन में आग और कई अराजक घटनाओं की पुष्टि हुई है।
ढाका पुलिस कमिश्नर एसएम सज्जात अली ने सख्त चेतावनी देते हुए कहा, “जो भी बस जलाएगा या जान लेने की नीयत से बम फेंकेगा, उसे गोली मारी जाएगी। कानून इसकी अनुमति देता है।” ग्रेमीन बैंक के मुख्यालय और उसकी कई शाखाओं पर प्रातःकालीन हमले हुए हैं। राजधानी की सुरक्षा व्यवस्था को कड़े लॉकडाउन में बदल दिया गया है। पुलिस और पैरा-मिलिट्री फ़ोर्स ने कई इलाकों में छापे मारे हैं और शूट एट साइट आदेश लागू है।
सुरक्षा एजेंसियों को भय है कि वर्तमान तनाव का फायदा उठाकर कट्टरपंथी समूह या राजनीतिक गुट बड़े पैमाने पर हिंसा भड़का सकते हैं। जुलाई 2024 में सरकार की नीतियों के खिलाफ व्यापक जनविरोध शुरू हुआ, जो कुछ ही दिनों में घातक हिंसा में बदल गया। 5 अगस्त 2024 को सेना के हस्तक्षेप के बाद हसीना को देश छोड़ना पड़ा।
अंतरिम सरकार ने फरवरी 2025 के लिए चुनावों की घोषणा की है, लेकिन अवामी लीग का कहना है कि प्रतिबंध जारी रहने पर चुनाव निष्पक्ष नहीं हो सकते। पार्टी का दावा है कि पिछले एक वर्ष में उसके हज़ारों कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है।
मौतों के आंकड़ों को लेकर आज भी भ्रम की स्थिति है UN के अनुसार 1,400 तक लोगों की मौत हुई, जबकि अंतरिम सरकार का दावा 800 से अधिक मौतों और 14,000 घायल होने का है। हसीना ने दोनों आँकड़ों को खारिज करते हुए एक स्वतंत्र अंतरराष्ट्रीय जांच की मांग की है।
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