संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन (UNWTO) द्वारा ‘बेस्ट टूरिज्म विलेज’ का दर्जा पा चुके कच्छ जिले के धोरडो गांव ने अब एक और उपलब्धि हासिल कर ली है। यह गांव पूरी तरह सोलराइज्ड हो चुका है और 20 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भावनगर में आयोजित ‘समुद्र से समृद्धि’ कार्यक्रम के तहत इसका लोकार्पण करेंगे।
धोरडो, गुजरात का ऐसा चौथा गांव है जिसे 100% सोलर विलेज का दर्जा मिला है। इससे पहले मेहसाणा का मोढेरा, खेड़ा का सुखी और बनासकांठा का मसाली गांव इस सूची में शामिल हो चुके हैं। प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के अंतर्गत धोरडो के सभी 81 आवासीय घरों को सोलर रूफटॉप से जोड़ दिया गया है। इस परियोजना से कुल 177 किलोवाट की क्षमता स्थापित हुई है, जिससे हर साल लगभग 2.95 लाख यूनिट बिजली उत्पादन होगा।
गुजरात सरकार के अनुसार, इस परियोजना से हर उपभोक्ता को सालाना 16,064 रुपए की बचत होगी। कुल मिलाकर गांव को बिजली बिल में बचत और अतिरिक्त बिजली बिक्री से 13 लाख रुपए से अधिक का वार्षिक लाभ होगा। धोरडो के सरपंच मियां हुसैन ने कहा, “यह गांव सुदूरवर्ती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के प्रयासों से यहां पहले से ही काफी विकास हुआ है। अब सोलर रूफटॉप लगने से बिजली खर्च लगभग खत्म हो जाएगा। सब्सिडी और बैंक ऋण की मदद से लोगों को कोई आर्थिक बोझ नहीं उठाना पड़ा। गांव में बहुत खुशी का माहौल है।”
धोरडो पहले से ही कच्छ के रणउत्सव और पर्यटन के लिए अंतरराष्ट्रीय पहचान रखता है। अब इसका सोलर विलेज बनना न केवल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में अहम कदम है, बल्कि गांव को ग्रीन टूरिज्म मॉडल के रूप में भी स्थापित करेगा। धोरडो का यह कदम ग्रामीण विकास और अक्षय ऊर्जा के संयोजन का उदाहरण है, जो आने वाले समय में अन्य गांवों के लिए भी प्रेरणा बनेगा।
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