वॉशिंगटन डीसी में शुक्रवार (18 जुलाई) को एक कार्यक्रम में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने BRICS समूह के देशों को सख्त चेतावनी दी कि अगर उन्होंने अमेरिकी डॉलर की जगह स्थानीय मुद्राओं का इस्तेमाल बढ़ाने की कोशिश जारी रखी, तो उनके निर्यात पर 10% अतिरिक्त टैरिफ लगाया जाएगा। ट्रंप ने कहा, “उन्होंने डॉलर पर कब्जा करने की कोशिश की, लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे।”
जब ट्रंप नई क्रिप्टोकरेंसी कानून पर हस्ताक्षर कर रहे थे, उसी मौके का इस्तेमाल करते हुए उन्होंने उभरती अर्थव्यवस्थाओं को धमकाया है कि डॉलर की बादशाहत को चुनौती देने का मतलब होगा अमेरिकी व्यापार प्रतिशोध झेलना। ट्रंप ने दावा किया कि उनके चेतावनी के बाद BRICS की बैठक में बहुत कम लोग शामिल हुए। उन्होंने कहा, “वे डर के मारे बैठक करने से बच रहे हैं। उन्हें टैरिफ नहीं झेलना था।”
BRICS समूह जिसमें अब ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के अलावा मिस्र, इथियोपिया, इंडोनेशिया, ईरान, सऊदी अरब और UAE जैसे देश शामिल हैं। स्थानीय मुद्राओं में व्यापार की संभावनाओं पर चर्चा कर रहा है। लेकिन ट्रंप का मानना है कि यह प्रयास अमेरिका की आर्थिक संप्रभुता पर हमला है।
ट्रंप के बयानों के बाद भारत ने तत्काल प्रतिक्रिया दी है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने स्पष्ट किया है, “BRICS ने सीमा पार भुगतानों में स्थानीय मुद्राओं की बात की है, लेकिन ‘डॉलर हटाओ’ कोई एजेंडा नहीं है।” यह प्रतिक्रिया BRICS सदस्यों के बीच विचारों की भिन्नता को दर्शाती है, खासकर डॉलर के विकल्प पर।
ज्ञात हो की ट्रंप पहले भी BRICS की साझा मुद्रा योजनाओं को लेकर आक्रामक रहे हैं। 2024 में उन्होंने चेतावनी दी थी कि यदि BRICS अपनी नई मुद्रा लाते हैं तो अमेरिका 100% टैरिफ लगाएगा। अब वे अगस्त 1 तक डील न होने की स्थिति में BRICS देशों को आधिकारिक पत्र भेजकर नया टैरिफ ढांचा घोषित करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा, “मैंने उन्हें बहुत सख्ती से मारा, और यह बहुत जल्दी खत्म हो जाएगा। मुझे नहीं लगता वे ऐसा करेंगे।” अपने भाषण में ट्रंप ने फिर दोहराया कि वे अमेरिका में डिजिटल डॉलर (CBDC) के खिलाफ हैं। उन्होंने कहा, “मेरे कार्यकाल में यह कभी नहीं होगा।” ट्रंप पहले भी इसे व्यक्तिगत वित्तीय स्वतंत्रता के खिलाफ बताते रहे हैं।
ट्रंप के आरोपों के उलट BRICS नेताओं ने यह स्पष्ट किया है कि समूह अमेरिका-विरोधी नहीं है। फरवरी में ब्राजील ने BRICS की साझा मुद्रा योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया, लेकिन “BRICS Pay” नामक सीमा पार भुगतान प्रणाली पर काम जारी है।
हालांकि ट्रंप ने ब्राजील को खास तौर पर निशाना बनाते हुए अगस्त से ब्राजीलियाई आयात पर 50% टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। BRICS खुद को G7 और G20 जैसे बंटे हुए मंचों की तुलना में एक सहयोगी, बहुपक्षीय विकल्प के रूप में प्रस्तुत कर रहा है।
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