ढाका। बांग्लादेश में गुरुवार को दुर्गा पूजा पंडाल में हुए तोड़फोड़ और चार लोगों की हत्या सुनियोजित बताई जा रही है।प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार इस घटना को पूरी प्लानिंग के तहत अंजाम दिया गया। मीडिया रिपोर्टों में यह भी कहा गया है कि एक न्यूज वेबसाइट ने जब हिन्दू समुदाय की ओर से मदद की मांग तो पुलिससुरक्षा देने में नाकाम रही और देर से पहुंची। बता दें कि यह घटना बांग्लादेश की राजधानी ढाका से लगभग 100 किमी दूर कमिला में हुई। यहां के चंडमोनी काली मंदिर में बनाये गए पूजा पंडाल को इस्लामिक कट्टरपंथियों ने नष्ट कर दिया। वही, दुर्गा जी की मूर्ति को भी खंडित किया गया। इस आशय की कई तस्वीरें भी सामने आई हैं।
फर्जी वीडियो ने कट्टरपंथियों को उकसाया: यही नहीं कट्टरपंथियों की भीड़ ने सुबह 11 बजे से लेकर दोपहर 3 बजे तक कई बार मंदिर परिसर में चल रहे आयोजन पर हमला किया, लेकिन पुलिस से कोई मदद नहीं मिली। इलाके के दो और मंदिरों से जुड़े लोगों ने भी यही शिकायत की है। हिंदू समुदाय के नेता गोविंद चंद्र प्रमाणिक ने कहा कि इलाके के सभी मंदिरों ने पुलिस की ओर से देर से जवाब मिलने की बात कही है। बांग्लादेशी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सोशल मीडिया पर कुछ वीडियोज वायरल हो रहे थे, जिसमें मंदिर में कुरान के अपमान होने का दावा किया गया था। इन फर्जी वीडियोज ने कट्टरपंथी भीड़ को उकसाने का काम किया।
पुलिस मौके पर नहीं पहुंची: मंदिर में हमले का सामना करने वाले श्रद्धालुओं का कहना है कि कट्टरपंथियों की भीड़ एक के बाद एक मंदिर पर हमले करती रही, लेकिन पुलिस मौके पर नहीं आई। यही नहीं हमलावर चंडमोनी काली मंदिर के ऊपर चढ़ गए और एक हिस्से में आग लगाने की भी कोशिश की। करीब 4 घंटे तक हमलावर भीड़ ने आतंक मचाया और लोगों से मारपीट की, लेकिन पुलिस मौके से नदारद रही। चंडमोनी रक्षकाली मंदिर करीब एक सदी पुराना है और इलाके के हिंदुओं की गहरी आस्था है। इस हिंसा को लेकर सवाल इसलिए भी उठ रहे हैं क्योंकि मंदिर से करीब आधा किलोमीटर की दूरी पर ही चौकबाजार पुलिस कैंप भी है। इसके बाद भी दंगाइयों से हिंदू समुदाय के लोगों को कोई मदद नहीं मिली।
4 घंटे के अंतराल पर तीन बार अटैक: बांग्लादेशी मीडिया की रिपोर्ट्स के मुताबिक हमलावर भीड़ ने 4 घंटे के अंतराल पर तीन बार अटैक किया। उन्होंने मंदिरों में तोड़फोड़ की और दुर्गा पूजा के पंडालों को तोड़ डाला। यही नहीं दुर्गा पूजा के लिए लाई गई प्रतिमाओं को भी हमलावरों ने तोड़ दिया। रक्षकाली मंदिर समिति के जनरल सेक्रेटरी हरधन चक्रवर्ती ने कहा कि हमलावरों ने पहली बार सुबह 11 बजे ही अटैक किया था, लेकिन कामयाब नहीं हो सके। इसके बाद वे 12:30 बजे आए और मंदिर पर पत्थर बरसा गए। इन दो हमलों के दौरान वह इसलिए अंदर नहीं आ सके क्योंकि 10 फुट ऊंचे स्टील का गेट काफी मजबूत था। लेकिन वह फिर से बड़ी भीड़ के साथ हथियारों से लैस होकर आए। इस बार गेट टूट गया और कट्टरपंथी भीड़ ने मंदिर को तहस-नहस कर डाला।
भारत का विरोध, शेख हसीना ने एक्शन की बात कही: बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना ने दुर्गा पूजा के दौरान कमिला शहर में हिंसा फैलाने वालों के खिलाफ कड़े एक्शन की बात कही है। उन्होंने कहा कि इस हिंसा को अंजाम देने वाले लोगों को खोज निकाला जाएगा और कड़ी सजा दी जाएगी। शेख हसीना ने इस सांप्रदायिक हिंसा को लेकर दुख जाहिर किया है। मालूम हो कि भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कमिला में हुई हिंसक घटना पर चिंता जताई। बागची ने कहा, “हमने बांग्लादेश में एक मज़हबी सभा पर हमलों से जुड़ी नाखुशगवार घटनाओं की परेशान करने वाली खबरें देखी हैं। इस घटना पर बांग्लादेश सरकार ने कानून नाफिज़ करने वाली मशीनरी की तैनाती समेत मौजूदा सूरते हाल पर कंट्रोल हासिल करने के लिए कदम उठाए हैं। बता दें कि बांग्लादेश में मुस्लिमों की आबादी लगभग 16.9 करोड़ है। जबकि इसमें दस प्रतिशत हिन्दू समुदाय है। पिछले कुछ सालों से बांग्लादेश में हिन्दुओं को और उनके मंदिरों को वहां के कट्टरपंथियों द्वारा निशाना बनाया जा रहा है। हुई इस हिंसा पर चिंता जाहिर की थी और बांग्लादेश सरकार की ओर से ऐक्शन लिए जाने की उम्मीद जताई थी। इन घटनाओं पर भारत ने समय -समय पर कार्रवाई करने के लिए कहा भी है।