ममता बनर्जी के मंत्री पार्थ चटर्जी की मुश्किलें बढ़ गई है। ईडी ने चटर्जी के बारे में कई खुलासे किये हैं। सोमवार को ईडी ने चटर्जी की करीबी अर्पिता मुखर्जी को पीएमएलए की कोर्ट में पेश किया। जहां ईडी ने कोर्ट से चटर्जी और मुखर्जी को 14 दिन की हिरासत मांगी है। इस दौरान कोर्ट से ईडी ने कहा कि शुरुआती जांच में पता चला है कि पार्थ चटर्जी की करीबी अर्पिता मुखर्जी वित्तीय गड़बड़ी के लिए 12 फर्जी कंपनिया चलाती थी।
कोर्ट से ईडी ने कहा कि यह एक गंभीर घोटाला है। जिसकी जांच के लिए ईडी को दोनों आरोपियों की 14 दिन की कस्टडी दी जाए। ईडी ने कोर्ट को बताया कि शिक्षक भर्ती घोटाले में अपात्र लोगों को नियुक्ति पत्र बांटे गए हैं। जिसके एवज में पैसे लिए गए हैं। कोर्ट को आगे बताते हुए ईडी ने कहा कि अर्पिता मुखर्जी और पार्थ चटर्जी दोनों संयुक्त रूप से सम्पत्ति खरीद रहे थे। जिससे जुड़े दस्तावेज दोनों के घरों से बरामद किया गया है।
दोनों लगातार एक दूसरे के सम्पर्क में हैं। ईडी ने कोर्ट को बताया कि टीएमसी नेता पार्थ चटर्जी जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। इतना ही नहीं चटर्जी अपनी गिरफ्तारी वाले कागज पर भी हस्ताक्षर नहीं कर रहे हैं। वहीं, चटर्जी की तबियत ख़राब होने पर सोमवार को कोलकता हाई कोर्ट ने ईडी को चेन्नई के एआइआइएमएस में भर्ती करने का आदेश दिया था। जिसके बाद चटर्जी को एयरलिफ्ट कर चेन्नई ले जाया गया। जहां अस्पताल के बाहर लोगों चोर -चोर चिल्लाने लगे। मालूम हो कि दो दिन पहले टीएमसी के मंत्री पार्थ चटर्जी के घर ईडी ने छापा मारा था। साथ उनके करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी के घर भी छापेमारी की गई थी जहां से 21 करोड़ रुपया कैश बरामद किया गया था।
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