मशहूर कवि गुलजार, संस्कृत विद्वान रामभद्राचार्य ​ज्ञानपीठ पुरस्कार के लिए चयनित​

प्रसिद्ध उर्दू ​के कवि गुलजार और संस्कृत ​के विद्वान जगद्गुरु रामभद्राचार्य को 58वें ज्ञानपीठ पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है।

मशहूर कवि गुलजार, संस्कृत विद्वान रामभद्राचार्य ​ज्ञानपीठ पुरस्कार के लिए चयनित​

Famous poet Gulzar, Sanskrit scholar Rambhadracharya selected for Jnanpith Award!

प्रसिद्ध उर्दू ​के कवि गुलजार और संस्कृत ​के विद्वान जगद्गुरु रामभद्राचार्य को 58वें ज्ञानपीठ पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है। ज्ञानपीठ चयन समिति ने यह घोषणा ​आज यानि शनिवार किया है| ​

मशहूर उर्दू शायर गुलजार और फिल्मकार कवि गुलजार को ज्ञानपीठ पुरस्कार के लिए चुना गया है| गुलज़ार का असली नाम संपूर्ण सिंह कालरा है। उनके साथ संस्कृत भाषा के विद्वान जगद्गुरु रामभद्राचार्य को भी ज्ञानपीठ पुरस्कार के लिए चुना गया है।​ देश के इन दोनों विभूतियों को ज्ञानपीठ पुरस्कार 2023 के लिए चयनित​ किया गया है

गुलजार हिंदी सिनेमा में अपने कार्य के लिए पहचाने जाते हैं और वर्तमान समय के बेहतरीन उर्दू कवियों में शुमार हैं। इससे पहले उन्हें उर्दू में अपने कार्य के लिए 2002 में साहित्य अकादमी पुरस्कार, 2013 में दादा साहब फाल्के पुरस्कार, 2004 में पद्म भूषण और कम से कम पांच राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिल चुके हैं।​

ज्ञानपीठ चयन समिति ने एक बयान में कहा, यह पुरस्कार (2023 के लिए) दो भाषाओं के प्रतिष्ठित लेखकों को देने का निर्णय लिया गया है​​, जिनमे संस्कृत साहित्यकार जगद्गुरु रामभद्राचार्य और प्रसिद्ध उर्दू साहित्यकार गुलजार।

​गौरतलब है कि ज्ञानपीठ पुरस्कार भारतीय ज्ञानपीठ न्यास द्वारा भारतीय साहित्य के लिए दिया जाने वाला सर्वोच्च पुरस्कार है। भारत का कोई भी नागरिक जो आठवीं अनुसूची में बताई गई 22 भाषाओं में से किसी भाषा में लिखता हो इस पुरस्कार के योग्य है। पुरस्कार में ग्यारह लाख रुपये की धनराशि, प्रशस्तिपत्र और वाग्देवी की कांस्य प्रतिमा दी जाती है। आपको बता दें कि वर्ष 2022 के लिए यह प्रतिष्ठित पुरस्कार गोवा के लेखक दामोदर मावजो को दिया गया।

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