लखीमपुर: गोली से नहीं,चोटों से हुई किसानों की मौत, पोस्टमार्टम में दावा

लखीमपुर: गोली से नहीं,चोटों से हुई किसानों की मौत, पोस्टमार्टम में दावा

file photo

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर में हुई हिंसा में मारे गए चार लोगों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आ गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि किसानों की मौत गोली से नहीं बल्कि शॉक, हेमरेज, ज्यादा खून बहने और गंभीर चोटे लगने से हुई है। बता दें कि मारे गए लोगों का पोस्टमार्टम सोमवार को किया गया था और आंदोलन कर रहे किसानों ने दावा किया था कि किसानों पर गोली चलाई गई है। रविवार को विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क गई थी। जिसमें आठ लोगों की मौत हो गई थी।

चार किसानों की पहचान नक्षत्र सिंह (55), दलजीत सिंह (35), लवप्रीत सिंह (20) और गुरवेंद्र सिंह (18) के रूप में हुई, क्योंकि वाहनों ने तिकुनिया-बनबीरपुर मार्ग पर प्रदर्शनकारियों को कुचल दिया। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खेमे से चार अन्य मौतों की सूचना मिली थी। वे एक कार में यात्रा कर रहे थे और प्रदर्शनकारियों ने कथित तौर पर उन्हें कार से खींच लिया और पीट-पीट कर मार डाला।
बता दें कि उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे पर गाड़ी चढ़ा कर किसानों की हत्या किये जाने का आरोप लगा है। जिसमें चार किसानों की मौत हो गई। कई रिपोर्ट्स में बताया गया कि गाड़ी चढ़ाने के बाद टेनी के बेटे गोली भी चलाई लेकिन पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में गोली लगने की बात सामने नहीं आई है। किसानों की मौत के बाद इलाके में लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं।
इलाके का इंटरनेट भी बंद कर दिया था और धारा 144 लागू कर दी गई थी। तमाम नेताओं को भी घटनास्थल पर जाने से रोका जा रहा था। सोमवार को किसान संगठन और अधिकारियों के बीच छह राउंड की वार्ता के बाद दोनों पक्षों में समझौता हुआ। समझौता में मारे गए किसानों को 45 लाख रुपये और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी और घायलों को दस लाख रुपये देने की घोषणा योगी सरकार ने की थी।

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