नई दिल्ली। विवादित तीन कृषि कानूनों को लेकर एक बार फिर राजनीति गरमाने लगी है। संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा 26 मई को काला दिवस मनाये जाने की घोषणा के बाद कांग्रेस समेत 12 विपक्षी पार्टियों ने समर्थन करने का फैसला किया है। संयुक्त किसान मोर्चा देश भर में प्रदर्शन करने की तैयारी कर रही है। कई राज्यों से किसान प्रदर्शन के लिए निकल भी चुके हैं।
कानून रद्द करने की मांग
संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने 12 विपक्षी दलों की तरफ से मिले समर्थन में बयान जारी किया है। बयान में उसमें 12 मई को लिखे गए पत्र का भी जिक्र किया गया है। इसमें नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की गई थी। कहा गया था कि कृषि कानूनों को वापस लिया जाना चाहिए। इससे आंदोलन कर रहे किसान सीमाओं से लौट जाएंगे। इसके लाखों अन्नदाताओं को महामारी का शिकार होने से बचाया जा सकता है।
इन पार्टियों ने दिया समर्थन
संयुक्त किसान मोर्चा को समर्थन देने वालों में सोनिया गांधी (कांग्रेस), एचडी देवेगौड़ा (जद-एस), शरद पवार (एनसीपी), ममता बनर्जी (टीएमसी), उद्धव ठाकरे (शिवसेना), एमके स्टालिन (डीएमके), हेमंत सोरेन (झामुमो), फारूक अब्दुल्ला (JKPA), अखिलेश यादव (समाजवादी पार्टी), तेजस्वी यादव (RJD), डी राजा (सीपीआई), सीताराम येचुरी (CPI-M) शामिल हैं।
कोरोना लॉकडाउन के बीच भी हजारों किसान आज रविवार को हरियाणा के करनाल से दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं। ये किसान 26 मई को ‘काला दिवस’ के रूप में मनाने की योजना बना रहे हैं।
बता दें कि तीन कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए किसान पंजाब -दिल्ली बॉर्डर पर धरना दे रहे हैं।26 मई को किसान आंदोलन को शुरू हुए 6 माह हो जायेंगे।