गणतंत्र दिवस: BSF ऊंट सवार दस्ते का पहली बार हिस्सा बनेंगी महिला

प्रसिद्ध डिजाइनर राघवेंद्र राठौर की ओर से महिला प्रहरियों के लिए पोशाक डिजाइन की गई है।

गणतंत्र दिवस: BSF ऊंट सवार दस्ते का पहली बार हिस्सा बनेंगी महिला

भारत का 74वां गणतंत्र दिवस 26 जनवरी 2023 को मनाया जा रहा है। 1950 में आज ही के दिन देश में संविधान लागू हुआ और भारत एक लोकतांत्रिक राष्ट्र बना। भारत की आजादी में, देश को एक संवैधानिक राष्ट्र बनाने में और इसके विकास में कई महापुरुषों, स्वतंत्रता सेनानियों, सैनिकों और शहीदों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। देश की आजादी के लिए लड़ने वाले भगत सिंह और चंद्रशेखर आजाद, आजादी के बाद देश को वैश्विक मंच पर ले जाने वाले राजीव गांधी, अटल बिहारी और एपीजे अब्दुल कलाम, सभी ने राष्ट्र निर्माण में काफी योगदान दिया।

वहीं इस बार गणतंत्र दिवस परेड में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ऊंट सवार दस्ते में पहली बार महिलाएं भी शामिल होने जा रही हैं। सीमा सुरक्षा बल की ऊंट सवार टुकड़ी में पहली बार महिला गार्ड, पुरुष जवानों के साथ परेड में हिस्सा लेंगी। बेहद ही खास शाही पोशाक में महिला प्रहरी बीएसएफ ऊंट सवार दस्ते का हिस्सा बनेंगी। प्रसिद्ध बीएसएफ ऊंट टुकड़ी  1976 से गणतंत्र दिवस समारोह का हिस्सा रही है और इस बार महिलाओं का इसमें शामिल होना ऐतिहासिक होगा। राजस्थान की 15 महिला बीएसएफ कर्मियों को ऊंट सवार टुकड़ी में शामिल होने का प्रशिक्षण दिया गया है।

पुरुष समकक्षों के साथ ऊंट की सवारी करने के लिए महिला गार्ड के शाही पोशाक को खास तरीके से तैयार किया गया है। प्रसिद्ध डिजाइनर राघवेंद्र राठौर की ओर से महिला प्रहरियों के लिए पोशाक डिजाइन की गई है। महिला प्रहरियों की वर्दी के डिजाइन में राजस्थान के सांस्कृतिक तत्वों को शामिल किया गया है। महिला प्रहरियों की शाही पोशाक को 400 साल पुरानी डंका तकनीक में बनाया गया है। शाही पोशाक में शामिल पगड़ी को राजस्थान के मेवाड़ क्षेत्र के सांस्‍कृतिक विरासत पाघ को फोकस में रखकर तैयार किया गया है।

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