जयपुर। राजस्थान के पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा का रविवार सुबह निधन हो गया। 69 वर्षीय महिपाल मुंह के कैंसर से पीड़ित थे। बता दें कि महिपाल तब सुर्ख़ियों में आये थे जब उनका नाम जिले की एएनएम भंवरी देवी के मर्डर और अपहरण केस में सामने आया। उस समय महिपाल राजस्थान सरकार में जल संसाधन मंत्री थे। इस केस में महिपाल का नाम आने पर उन्हें इस पद से हाथ धोना पड़ा और उन्हे दस साल की जेल हुई। उन्हें हाल ही में जेल से छूटे थे।
महिपाल मदेरणा मुंह के कैंसर से पीड़ित थे। उन्हें कोरोना भी हो गया था। हालांकि उन्होंने कोरोना को मात दे दी थी। पारिवारिक सूत्रों के अनुसार उनकी अंतिम यात्रा जोधपुर स्थित निवास से शुरू होकर पैतृक गांव चाडी के लिए जाएगी। वहां शाम करीब चार बजे उनके पिता पूर्व विधानसभा अध्यक्ष स्वर्गीय परसराम मदेरणा की समाधि के पास ही उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। सितंबर 2011 में भंवरी देवी कांड ने देशभर में सुर्खियां बटोरी थीं। उस वक्त महिपाल मदेरणा अशोक गहलोत सरकार में जल संसाधन मंत्री थे। बाद में भंवरी देवी के साथ उनकी सीडी सामने आने के बाद उन्हें पद से हटा दिया गया था।
इस केस के बाद से ही मदेरणा लगातार जेल में थे। गौरतलब है कि भंवरी देवी वैसे तो वह एक नर्स थी, लेकिन उसकी ख्वाहिशें काफी बड़ी थीं। बताया जाता है कि उसको मॉडलिंग और एक्टिंग का काफी शौक था। अपने इस शौक के चक्कर में वह अपने अस्पताल की ड्यूटी से भी ज्यादातर गायब रहती थी। अफसरों तक शिकायत पहुंची तो भंवरी को सस्पेंड कर दिया गया। नौकरी बहाल करने की गुजारिश लेकर भंवरी पहुंची तब लूनी से विधायक रहे मलखान सिंह के
पास। मलखान ने उसे तत्कालीन जल संसाधन मंत्री से मिलवाया जो थे महिपाल मदेरणा। इन दोनों की सिफारिश रंग लाई और भंवरी को नौकरी वापस मिल गई।
साथ ही उसके सामने खुल गया महत्वाकांक्षाओं का दरवाजा। जिसमें पहले तो भंवरी की जिंदगी तबाह हुई और फिर तमाम लोगों का पतन सुनिश्चित हुआ।वहीं मदेरणा की मौत के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर अपनी संवेदना व्यक्त की है। बता दें कि महिपाल 19 साल तक जोधपुर के जिला प्रमुख रहे हैं। वहीं ओसियां से दो बार विधायक रह चुके हैं। वे दिग्गज नेता परसराम मदेरणा के बेटे थे। जोधपुर में उनकी राजनीतिक पकड़ काफी मजबूत मानी जाती है।