32 C
Mumbai
Monday, December 8, 2025
होमदेश दुनियाहिमाचल के सोलन में मिले जीवाश्म, 60 करोड़ साल पुराने होने का...

हिमाचल के सोलन में मिले जीवाश्म, 60 करोड़ साल पुराने होने का दावा!

सोलन के चंबाघाट के पास जोलाजोरां गांव में दुनिया के सबसे प्राचीन पृथ्वी के स्ट्रोमैटोलाइट्स जीवाश्म मिलने का दावा किया गया है।

Google News Follow

Related

दुनिया के सबसे प्राचीन पृथ्वी के स्ट्रोमैटोलाइट्स जीवाश्म हिमाचल प्रदेश के जिला सोलन के चंबाघाट के पास जोलाजोरां गांव में मिलने का दावा किया गया है। ये जीवाश्म गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है और टेथिस जीवाश्म संग्रहालय के संस्थापक डॉ. रितेश आर्य ने खोजे हैं।
उन्होंने दावा किया है कि यह जीवाश्म 60 करोड़ साल से भी अधिक पुराने हैं, जो पृथ्वी पर जीवन की शुरुआत की कहानी बताते हैं। डॉ. आर्य ने कहा कि स्ट्रोमैटोलाइट्स समुद्र की उथली सतहों पर माइक्रोबियल चादरों से बने परतदार पत्थर होते हैं।
ये दर्शाते हैं कि सोलन क्षेत्र कभी टेथिस सागर का समुद्री तल हुआ करता था। यह सागर कभी गोंडवाना (जिसमें भारत, अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अमेरिका और अंटार्कटिका शामिल थे) और एशिया के बीच था।

डॉ. आर्य ने कहा कि जब पृथ्वी की हवा में ऑक्सीजन नहीं थी और ग्रीनहाउस गैसें छाई थीं, तब इन्हीं सूक्ष्म जीवों ने करीब 2 अरब साल में धीरे-धीरे ऑक्सीजन बनाना शुरू किया, इससे आगे जाकर जीवन संभव हुआ। अगर स्ट्रोमैटोलाइट्स नहीं होते तो आज ऑक्सीजन भी नहीं होती।

डॉ. आर्य इससे पहले सोलन के धर्मपुर के कोटी में, चित्रकूट और हरियाणा के मोरनी हिल्स से भी इन्हें खोज चुके हैं। उनका कहना है कि चंबाघाट के जीवाश्म अलग प्रकार की परतदार संरचना दर्शाते हैं, जो एक भिन्न प्राचीन पर्यावरणीय दशा की जानकारी देते हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल की धरती में करोड़ों साल पुराना समुद्री इतिहास छिपा है। इसे संरक्षित कर हमें अगली पीढ़ियों को सौंपना होगा।

ओएनजीसी में महाप्रबंधक रहे डॉ. जगमोहन सिंह ने कहा कि चंबाघाट के ये स्ट्रोमैटोलाइट्स उस युग में ले जाते हैं जब पृथ्वी पर जीवन की शुरुआत हो रही थी। पंजाब विवि के पूर्व भूविज्ञान विभागाध्यक्ष एवं वरिष्ठ भूवैज्ञानिक प्रो. (डॉ.) अरुण दीप आहलूवालिया ने कहा कि ये जीवाश्म न केवल वैज्ञानिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि संरक्षण के योग्य भी हैं।

डॉ. आर्य ने कहा कि वह उपायुक्त और पर्यटन अधिकारी को पत्र लिखकर इस स्थान को राज्य जीवाश्म धरोहर स्थल घोषित करने की मांग करने वाले हैं। उनका मानना है कि इससे विज्ञान, संरक्षण और जियो टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा।

यह भी पढ़ें-

मध्य प्रदेश: आदिवासी परिवार ने बदला धर्म, छतरपुर सीमा में बढ़ी हलचल!

National Stock Exchange

लेखक से अधिक

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Star Housing Finance Limited

हमें फॉलो करें

151,705फैंसलाइक करें
526फॉलोवरफॉलो करें
284,000सब्सक्राइबर्ससब्सक्राइब करें

अन्य लेटेस्ट खबरें