उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पिछले दिनों लुलु मॉल में नमाज पढ़ने वाले चार लोगों को यहां की पुलिस ने गिरफ्तार किया है। ये सभी चारों नमाजी मुसलमान हैं। बताया जा रहा है जिन लोगों ने मॉल में नमाज पढ़ा वे केवल विवाद पैदा करने के लिए ऐसा किया। पुलिस ने सीसीटीवी कैमरे इन संदिग्धों की फुटेज की भी देखा है।
इस बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ पुलिस से कहा कि लुलु मॉल विवाद को बढ़ावा देने वालों से सख्ती निपटे। उन्होंने सोमवार को कहा कि लखनऊ प्रशासन को बार बार कहा गया है कि अराजकता फैलाने की कोशिश करें उनके साथ सख्ती पेश आएं। उन्होंने कहा कि कुछ लोगो अनावश्यक बयानबाजी और मॉल में आने वाले लोगों की आवाजाही में बाधा बन रहे हैं और प्रदर्शन कर रहे हैं ऐसे लोगों पर सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
इस बीच लखनऊ पुलिस ने एक प्रेस नोट भी जारी किया है। जिसमें का गया है कि 12 जुलाई को लुलु मॉल में नमाज पढ़ने वाले आठ लोग गैर-मुस्लिम नहीं बल्कि मुस्लिम हैं। ऐसा खबरों में कहा जा रहा था जिसके बाद पुलिस ने एक प्रेस नोट जारी कर इस खबर का खंडन किया।
प्रेस नोट में लखनऊ कमिश्नर ने कहा है कि सरोज नाथ योगी, कृष्ण कुमार पाठक, गौरव गोस्वामी को 15 जुलाई को इस घटना के बाद धार्मिक अनुष्ठान करने के प्रयास में गिरफ्तार किया गया है जबकि अरशद अली को मॉल के परिसर में नमाज पढ़ने की कोशिश करने पर गिरफ्तार किया गया है। नोट में आगे कहा गया है कि सोशल मीडिया पर लोगों द्वारा भ्रामक खबरें फैलाई गई। इसके अलावा 16 जुलाई को भी शॉपिंग मॉल में घुसने की कोशिश करने वाले 18 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। जबकि उसी दिन दो अन्य लोगों को भी हनुमान चालीसा पाठ करने के आरोप में हिरासत में लिया गया था।
ये भी पढ़ें