कानपुर | कोरोना की तीसरी लहर की घोषणा के बाद अब इसके आने और इसके के बारे में बताया जा रहा है. जिस तरह से दूसरी लहर ने कहर बरपाया उससे लोग सकते में है। इसे देखते हुए वैज्ञानिक पहले से ही सरकार को तैयार रहने के लिए सुझाव दे रहे है। वरिष्ठ वैज्ञानिक प्रो. मणींद्र अग्रवाल ने बताया है कि अक्टूबर में तीसरी लहर आ सकती है। जिसके सरकार को युद्ध स्तर पर तैयार रहना चाहिए.
आईआईटी के वरिष्ठ वैज्ञानिक, पद्मश्री और कंप्यूटिंग मॉडल से कोरोना की लहर को बताने वाले प्रो. मणींद्र अग्रवाल ने कोरोना की पहली और दूसरी लहर के डाटा रिपोर्ट के आधार पर एक मॉडल तैयार किया है। इस मॉडल के आधार पर वे कोरोना का चढ़ाव और उतार के बारे में जानकारी दे रहे हैं। पिछले माह से शुरू हुए इस मॉडल का अनुमान अब तक लगभग सही पाया गया है। मॉडल के अनुरूप ही प्रदेश में कोरोना का पीक व उतार हो रहा है। इसी मॉडल के अनुसार जुलाई तक पूरे देश में कोरोना की स्थिति लगभग सामान्य हो जाएगी। प्रो. मणींद्र ने सुझाव देते हुए कहा कि स्थिति सामान्य होने पर राहत लेने के बजाए युद्धस्तर पर तैयारी करने की जरूरत है. क्योंकि अक्टूबर में आने वाली तीसरी लहर के खतरे को कम किया जा सके. इसके अलावा प्रो. मणींद्र अग्रवाल ने सरकार को तीसरी लहर खत्म होने के बाद भी कोरोना नियमों का पालन करने की बात कही है।
सुझाव – दूसरी लहर खत्म होने के बाद लोग मास्क व सोशल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से पालन करें। अक्टूबर से पहले तक 90 फीसदी लोगों का टीकाकरण हो जाना चाहिए। आर नॉट वैल्यू पांच के करीब प्रो. मणींद्र ने बताया कि महामारी की भयावहता को मापने के लिए आर नॉट वैल्यू निकाली जाती है। कोरोना की पहली लहर में आर नॉट वैल्यू दो से तीन के करीब थी। मतलब एक व्यक्ति दो से तीन लोगों को संक्रमित कर रहा था। जबकि दूसरी लहर में आर नॉट वैल्यू चार से पांच के करीब है। मतलब एक व्यक्ति कम से कम चार से पांच लोगों को संक्रमित कर रहा है। जब आर नॉट वैल्यू एक से कम होती है तो यह महामारी नहीं रह जाती है।बता दें कि हाल ही में वैज्ञानिकों ने दावा किया की जल्द ही भारत में कोरोना की तीसरी लहर दस्तक देने वाली है. इसको देखते हुए राज्य सरकारों ने तैयारी शुरू कर दी है।