दिल्ली में कर्तव्य पथ पर आई विभिन्न झांकियों में से अधिकांश का शीर्षक इस साल ‘नारी शक्ति’ रहा। देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, आर्थिक प्रगति और मजबूत आंतरिक और बाहरी सुरक्षा को दर्शाती तेईस झांकियां इनमें राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों से 17 और विभिन्न मंत्रालयों से छह झांकियां भी कर्तव्य पथ पर आई।
वंदे भारतम नृत्य प्रतियोगिता के माध्यम से चुने गए 479 कलाकारों ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देकर गणतंत्र दिवस परेड में रंग भर दिया। 17 से 30 वर्ष की आयु वर्ग के 153 पुरुष नर्तकों द्वारा समर्थित था। पांच तत्वों पृथ्वी, जल, वायु, अंतरिक्ष और अग्नि के माध्यम से ‘नारी की शक्ति’ का चित्रण करते हुए शास्त्रीय, लोक और समकालीन संलयन नृत्य प्रस्तुत करते दिखे।
त्रिपुरा की झांकी में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी के साथ त्रिपुरा में पर्यटन और जैविक खेती के माध्यम से सतत आजीविका को दिखाया गया। गुजरात की झांकी भी बेहद खूबसूरत थी, झांकी का मुख गुजरात की पारंपरिक वेशभूषा वाली एक महिला से सुसज्जित था।
महाराष्ट्र की झांकी साढ़े तीन शक्तिपीठ और नारी शक्ति पर आधारित रही। तमिलनाडु की झांकी में भी महिला सशक्तीकरण की झलक दिखाई दी, इसके साथ ही इसमें तमिलनाडु की संस्कृति को भी दिखाया गया है। कर्नाटक की झांकी भी नारी शक्ति महोत्सव को दर्शाने वाली रही। गृह मंत्रालय की ही केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल की झांकी में नारी शक्ति को दिखाया गया है।
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प्रदर्शित की गई झांकियों में देश की सामाजिक तरक्की को दर्शाया गया