दिग्गज टेक कंपनी गूगल इस समय चैट जीपीटी से पीड़ित है। इसलिए गूगल ने भी बार्ड को लॉन्च किया है। हालांकि, इसके बावजूद एनसीएलएटी यानी नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल ने गूगल को तगड़ा झटका दिया है। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने प्ले स्टोर नीतियों के दुरुपयोग के लिए गूगल पर 1,337 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था। इस फैसले को सीसीआई के एनसीएलएटी ने बरकरार रखा था। साथ ही एनसीएलएटी ने गूगल को 1,338 करोड़ रुपए की यह पेनल्टी 30 दिनों के भीतर चुकाने को कहा है।
वास्तव में क्या है मामला?: भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने प्ले स्टोर नीतियों के दुरुपयोग के लिए गूगल पर 1,337 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया। इसको लेकर गूगल कोर्ट चला गया था। कोर्ट में राहत न मिलने पर गूगल ने एनसीएलएटी में अपील की लेकिन एनसीएलएटी ने भी गूगल को अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया।
आयोग द्वारा पारित आदेश में गूगल को अनुचित व्यापार व्यवहार को रोकने और अपनी कार्य पद्धति में बदलाव करने का निर्देश दिया गया था। इसके बाद गूगल ने सुप्रीम कोर्ट में इस जुर्माने के खिलाफ याचिका दाखिल की और 1,337 करोड़ के इस जुर्माने पर अंतरिम रोक लगाने की मांग की।
एनसीएलटी ने गूगल को 30 दिनों के भीतर 1,338 करोड़ रुपए का जुर्माना भरने को कहा है। उसने गूगल के खिलाफ फैसला सुनाते हुए किसी तरह के पक्षपात की बात से भी इनकार किया है। तो गूगल को यह पेनल्टी 30 दिनों के अंदर चुकानी होगी। हालाँकि, गूगल एनसीएलटी के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे सकता है अगर गूगल को लगता है कि निर्णय अनुचित है।
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