सुप्रीम कोर्ट ( एससी) ने रविवार को बनारस के ज्ञानवापी मंदिर केस को लेकर बड़ा आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने “शिवलिंग” की सफाई करने वाली याचिका को स्वीकार कर लिया है। इसे मुस्लिम पक्ष वजूखाना ( नमाज से पहले हाथ पैर धोने की जगह) बताता रहा है, जबकि हिन्दू पक्ष इसे शिवलिंग होने का दावा करता रहा है। वर्तमान में उसे कोर्ट के आदेश पर सील किया गया है, जिसे अब अदालत के आदेश के बाद जिलाधिकारी की देखरेख में सफाई करने का आदेश दिया गया है। बता दें कि, इस मांग को लेकर मुस्लिम पक्ष ने विरोध नहीं किया।
कोर्ट ने “शिवलिंग” की सफाई को लेकर दिए आदेश में कहा है कि यह साफ सफाई जिलाधिकारी की निगरानी में की जाए। दरअसल, हिन्दू पक्ष ने एक याचिका दायर की थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। याचिका शिवलिंग के पूरे क्षेत्र की साफ़ सफाई और स्वच्छता बनाये रखने की मांग की थी। हालांकि, मुस्लिम पक्ष ने इसका विरोध नहीं किया। बता दें कि, शिवलिंग जैसी रचना मिलने पर उसे कोर्ट के आदेश पर सील कर दिया गया था।
इस स्थान पर पानी का टैंक बना हुआ है। याचिका में कहा गया है कि यहां पानी भरा हुआ है जिसमें मछली पाली गई हैं और मर रहीं, जिसकी वजह से गंदगी और बदबू फ़ैल रही है। याचिका में कहा गया है कि 12-25 दिसंबर 2023 के आसपास मछलियां मरी हुई हैं। याचिका में कहा गया है कि विवादित परिसर में “शिवलिंग” हिन्दुओं के लिए पवित्र है, इसलिए उसे धूल गंदगी और मरे हुए जानवरों और मछलियों से दूर रखा जाना चाहिए। इससे हिन्दुओं की आस्था आहत होती है।
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